कोहली ने लगाई रिकॉर्डों की झड़ी, दूसरे वन-डे में वेस्टइंडीज को 59 रनों से हराया
पोर्ट आफ स्पेन। कप्तान विराट कोहली की रिकॉर्डों से भरी शतकीय पारी की मदद से टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को पोर्ट आफ स्पेन ने खेले गए दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 59 रन (डकवर्थ लुइस मेथड) से हराया। कोहली ने 125 गेंदों पर 14 चौकों और एक छक्के की मदद से 120 रन बनाए। यह वनडे में उनका 42वां शतक है। उन्होंने इस बीच श्रेयस अय्यर (68 गेंदों पर 71) के साथ 4 विकेट के लिए 125 रन की साझेदारी की।
वेस्टइंडीज ने अंतिम 10 ओवरों में वापसी की और इस बीच केवल 67 रन दिए और 4 विकेट लिए। उसकी तरफ से कार्लोस ब्रेथवेट सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 53 रन देकर 3 विकेट लिए। खेल आगे बढ़ने के साथ पिच धीमी होती जा रही है और ऐसे में वेस्टइंडीज के लिए लक्ष्य तक पहुंचना आसान होगा। उसकी निगाहें क्रिस गेल पर टिकी रहेंगी, जो 300 वनडे खेलने वाले पहले कैरेबियाई बल्लेबाज बन गए हैं। इस मैदान पर सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड 272 रन का है।
इन दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की श्रृंखला का पहला मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था। तीसरा और अंतिम मैच 14 अगस्त को इसी स्थान पर खेला जाएगा। पहले ओवर में क्रीज पर उतरे कोहली शुरू से ही लय में दिखे। शिखर धवन (2) की एक और नाकामी के बाद उन्होंने रोहित शर्मा के साथ दूसरे विकेट के लिए 74 रन जोड़े। इसमें रोहित का योगदान 34 गेंदों पर 18 रन का रहा।
कोहली ने इस बीच 19वां रन बनाते ही वेस्टइंडीज के खिलाफ सर्वाधिक व्यक्तिगत रन का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इससे पहले यह रिकार्ड पाकिस्तान के जावेद मियांदाद (1930) के नाम पर था। कोहली वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी 34वीं पारी में 2000 रन भी पूरे करके अपने साथी रोहित का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 37 पारियों में यह मुकाम हासिल किया था।
कोहली पिछली 11 पारियों का इंतजार खत्म करते हुए 112 गेंदों में अपना सैकड़ा पूरा किया। वेस्टइंडीज के खिलाफ यह उनका आठवां और कप्तान के रूप में छठा शतक है जो कि रिकॉर्ड है। अपनी पारी के दौरान सौरव गांगुली (11363) की रनसंख्या पीछे छोड़ने वाले कोहली ने अपने पसंदीदा कवर ड्राइव से तो हमेशा की तरह रन बटोरे लेकिन उनका सबसे दर्शनीय शॉट जैसन होल्डर पर आगे बढ़कर लगाया गया छक्का था।
अय्यर ने मौके का पूरा फायदा उठाया और आत्मविश्वास से भरी पारी खेलकर बहुचर्चित चौथे नंबर पर अपना दावा मजबूत किया, क्योंकि ऋषभ पंत (35 गेंदों पर 20) फिर से इस नंबर के साथ न्याय नहीं कर पाए थे। अय्यर की पारी समर्पण और प्रतिबद्धता का नमूना थी। कोहली को जब दूसरे छोर से एक अदद साथी की तलाश थी तब अय्यर ने वही कमी पूरी की। उन्होंने 49 गेंदों पर अपने करियर का तीसरा अर्द्धशतक पूरा किया।
कोहली को आखिर में ब्रेथवेट ने अपनी धीमी गेंद पर गच्चा दिया और भारतीय कप्तान ने लांग ऑफ पर आसान कैच थमाया जिससे स्कोर 4 विकेट पर 226 रन हो गया। इसके बाद भारतीय टीम बाकी बचे 8.3 ओवर में 53 रन ही जोड़ पाई और इस बीच उसने 3 विकेट भी गंवाए।
बीच में बारिश के व्यवधान के बाद जब खेल फिर शुरू हुआ तो अय्यर पर तेजी रन बनाने का दबाव दिखा और इसी प्रयास में उन्होंने होल्डर की गेंद के लाइन में आए बिना अपना विकेट गंवाया। उन्होंने अपनी पारी में 5 चौके और 1 छक्का लगाया। भारत ने डेथ ओवरों में केदार जाधव (16) और भुवनेश्वर कुमार (1) के भी विकेट गंवाए। रविंद्र जडेजा 16 और मोहम्मद शमी 3 रन बनाकर नाबाद रहे।
इससे पहले धवन की खराब फॉर्म और बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के सामने खराब प्रदर्शन जारी रहा। पारी के पहले ओवर में शेल्डन कोटरेल की गुडलेंथ गेंद लेकर उनके पैड से टकराई, लेकिन अंपायर निजेल लोंग ने उसे ठुकरा दिया। वेस्टइंडीज ने रिव्यू लिया और अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।
रोहित शुरू से रन बनाने के लिए जूझते रहे। ऐसे में उनका धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने ऑफ स्पिनर रोस्टन चेज की हवा में लहरा दी जिसे निकोलस पूरण ने दौड़ लगाकर कैच में बदला। पंत क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बावजूद ब्रेथवेट की गेंद पर बोल्ड हो गए।