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Last Updated :राजकोट , रविवार, 13 नवंबर 2016 (17:04 IST)

भारत और इंग्‍लैंड के बीच पहला टेस्‍ट मैच ड्रॉ

भारत और इंग्‍लैंड के बीच पहला टेस्‍ट मैच ड्रॉ - India England Rajkot test
राजकोट। दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में पहले क्रिकेट टेस्ट के रण को रविवार को किसी तरह गिरते-पड़ते ड्रॉ करा लिया। भारत को जीत के लिए 310 रन का लक्ष्य मिला था और मैच ड्रॉ समाप्त होने तक उसने छह विकेट खोकर 172 रन बनाए। 
कप्तान विराट कोहली ने एकतरफा अंदाज में मोर्चा संभालकर खेलते हुए 98 गेंदों पर छह चौकों की मदद से नाबाद 49 रन बनाए और मैच ड्रॉ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दूसरे छोर पर विकेट गिरने के बावजूद विराट ने अपना धैर्य बनाए रखा और अपनी टीम के लिए कप्तानी की जिम्मेदारीभरी मैच बचाने वाली पारी खेली।
       
विराट ने ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (32) के साथ पांचवें विकेट के लिए 47 रन की बेशकीमती साझेदारी की। इस साझेदारी ने ही भारत को चार विकेट पर 71 रन की नाजुक स्थिति से ऊबारा। ओपनर गौतम गंभीर शून्य, चेतेश्वर पुजारा 18, मुरली विजय 31, अजिंक्य रहाणे एक, अश्विन 32 और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा नौ रन बनाकर आउट हुए। रवींद्र जडेजा 32 रन पर नाबाद रहे। 

 
निर्धारित ओवर समाप्त हो जाने के बाद मैच के लिए निर्धारित समय बचा रह गया था और उसे पूरा करने के लिए शेष चार ओवर फिंकवाए गए, लेकिन विराट और जडेजा ने इस समय को सुरक्षित निकाल लिया। जडेजा ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए इंग्लिश स्पिनरों को हावी नहीं होने दिया।
      
साहा का विकेट 132 के स्कोर पर गिरने के बाद जडेजा ने मैदान पर उतरने के साथ ही कुछ आकर्षक चौके लगाए। खासतौर पर भारतीय बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बने लेग स्पिनर आदिल राशिद के एक ओवर में जडेजा ने दो चौके जड़े। उन्होंने राशिद के अगले ओवर में भी एक चौका लगाया। 
     
मैच आगे खिसकने से विराट को भी अपना अर्धशतक पूरा करने का मौका मिल गया था लेकिन वे अर्धशतक से एक रन दूर रह गए। विराट ने राशिद पर लेग साइड में चौका लगाया और फिर आखिरी गेंद पर दो रन लेकर 48 पर पहुंच गए। 
     
विराट के पास मैच के आखिर ओवर में स्ट्राइक थी और अर्धशतक पूरा करने का मौका भी था। उन्होंने राशिद की तीसरी गेंद पर एक रन लिया और 49 तक पहुंचे। इसके बाद दोनों कप्तान ड्रॉ के लिए सहमत हो गए और खिलाड़ियों ने आपस में हाथ मिला लिया। 
 
भारत के लिए लक्ष्य मुश्किल था और उसे सिर्फ मैच बचाने के लिए खेलना था। ओपनर गंभीर खाता खोले बिना क्रिस वोक्स की गेंद पर आउट हुए। पहली पारी के शतकधारी पुजारा ने 36 गेंदों पर 18 रन बनाए। उन्हें राशिद ने पगबाधा किया। पुजारा ने इस फैसले पर डीआरएस का सहारा नहीं लिया वरना वे बच सकते थे। 
      
विजय 71 गेंदों में छह चौकों की मदद से 31 रन बनाने के बाद राशिद का दूसरा शिकार बने। रहाणे को ऑफ स्पिनर मोइन अली ने बोल्ड किया। रहाणे एक रन ही बना पाए। विराट और अश्विन ने भारतीय पारी को संभाला। दोनों टीम के स्कोर को 118 तक ले गए। पहली पारी में शानदार 70 रन बनाने वाले अश्विन ने दूसरी पारी में 53 गेंदों में चौकों की मदद से 32 रन बनाए। 
     
अश्विन को लेफ्ट आर्म स्पिनर जफर अंसारी ने जो रूट के हाथों कैच कराया। साहा को राशिद ने अपनी ही गेंद पर कैच कर लिया। इसके बाद विराट का साथ देने उतरे जडेजा ने 33 गेंदों में छह चौकों के सहारे नाबाद 32 रन बनाए और दोनों बल्लेबाजों ने मैच को ड्रॉ करा दिया।

इंग्लैंड ने कप्तान एलेस्टेयर कुक (130) के 30वें शतक और पदार्पण टेस्ट खेल रहे 19 वर्षीय हसीब हमीद की 82 रन की शानदार पारी की बदौलत अपनी दूसरी पारी तीन विकेट पर 260 रन पर घोषित कर भारत के सामने 49 ओवर में जीत के लिए 310 रन का लक्ष्य रखा। 
      
इंग्लैंड ने सुबह बिना कोई विकेट खोए 114 रन से आगे खेलना शुरु किया था। कुक 46 और हमीद 62 रन पर नाबाद थे। हमीद को 82 रन पर लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने अपनी ही गेंद पर कैच किया। जो रूट (4) को भी मिश्रा ने ही आउट किया। 
     
कप्तान कुक ने अपना 30वां शतक पूरा किया और इसके साथ ही टेस्ट इतिहास के महान बल्लेबाज आस्ट्रेलिया के सर डान ब्रैडमैन के 29 शतकों से आगे निकल गए। कुक का विकेट अश्विन ने लिया और बेन स्टोक्स 29 रन पर नाबाद रहे।  
     
इंग्लैंड ने यदि अपनी दूसरी पारी कुछ पहले घोषित की होती तो उसके लिए जीत की संभावना ज्यादा बन जाती। आखिर में उसके गेंदबाजों के पास ज्यादा ओवर नहीं बचे। 'राजकोट का रण' टीम इंडिया ने बेशक ड्रॉ करा लिया लेकिन इंग्लैंड की टीम ने इस मैच में एक तरह से मनोवैज्ञानिक जीत हासिल की। 
       
इंग्लैंड की टीम बंगलादेश में अपना आखिरी टेस्ट हारकर और सीरीज 1-1 से ड्रॉ खेलकर भारत आई थी लेकिन इस मैच में उसने बल्ले और गेंद से अपने बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत सीरीज के अगले मैचों के लिए अपना मनोबल ऊंचा कर लिया।
              
दूसरी तरफ दुनिया की नंबर एक भारतीय टीम को देखना होगा कि जिस पिच पर इंग्लैंड के स्पिनरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, उस पिच पर उसके गेंदबाजों को सांप क्यों सूंघ गया। बल्लेबाजी में भी भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के मुकाबले पिछड़े रहे। ओपनिंग एक बार फिर भारत की बड़ी समस्या रही। दूसरी पारी में बल्लेबाजों ने निराश किया और चेतेश्वर पुजारा का डीआरएस की मदद न लेना भी यह सवाल खड़े कर गया कि भारतीय अभी तक डीआरएस का सही इस्तेमाल करना सीख नहीं पाए हैं। (वार्ता)