भारत की निगाहें बड़ी जीत पर, इंग्लैंड सम्मान बचाने उतरेगा
चेन्नई। भारतीय टीम शुक्रवार से इंग्लैंड के खिलाफ यहां शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में फतह हासिल कर अपनी सबसे बड़ी रिकॉर्ड जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी। यह मैच भारतीयों को अपनी जीतने की लय के रिकार्ड को 18 मैच तक बढ़ाने का मौका भी देगा।
वहीं तूफान ‘वरदा’ का सामना कर रहे शहर को क्रिकेट थोड़ी राहत मुहैया कराएगा। इस तूफान ने शहर में हलचल मचाई हुई है जिससे चेपक स्टेडियम भी नहीं बच सका लेकिन अच्छी बात यह है कि पिच और आउटफील्ड को नुकसान नहीं पहुंचा है।
स्टेडियम को समय पर तैयार करने की मुहिम में मैदानकर्मियों को जले कोयले का इस्तेमाल करते हुए देखा गया जिन्होंने मैदान की पिच को सुखाने के लिए ऐसा किया। मैच हालांकि भारतीय टीम के लिए इतना अहम नहीं है क्योंकि वह मुंबई में शानदार जीत से पहले ही सीरीज अपने नाम कर चुकी है।
बुधवार को गीले मैदान के कारण ट्रेनिंग भी रद्द कर दी गई जबकि स्टेडियम में देश की सर्वश्रेष्ठ निकासी प्रणाली मौजूद है।
भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 3-0 से अजेय बढ़त बनाए हुए हैं और अगर अंतिम टेस्ट में उसने जीत दर्ज कर ली तो यह इंग्लैंड के खिलाफ उनकी श्रृंखला में सबसे बड़ी जीत होगी क्योंकि इससे पहले वह 1992-93 में मोहम्मद अजहरूददीन की कप्तानी में इंग्लैंड को 3-0 से वाइटवाश कर चुका है।
यह भारत के लिए इंग्लैंड से पिछली दो सीरीज में मिली शिकस्त का बदला चुकता करने का मौका होगा जिसमें 2011 में 0-4 की करारी हार भी शामिल है।
श्रृंखला जीतने के बाद कप्तान विराट कोहली ने भी माना कि भारत अब खुलकर खेलेगा और मुश्किलों से घिरी इंग्लैंड के खिलाफ 4-0 से जीत दर्ज करने की कोशिश करेगा। कोहली बेहतरीन फार्म में हैं, वह एक कैलेंडर वर्ष में तीन दोहरे शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। मुंबई में उन्होंने 235 रन की विशाल पारी खेली और वह रिलैक्स होने के मूड में नहीं दिखते जिससे उनके कमजोर इंग्लैंड के खिलाफ और अधिक आक्रामक खेल दिखाने की पूरी उम्मीद है।
यह 28 वर्षीय क्रिकेटर इस तरह डान ब्रैडमैन और रिकी पोंटिंग सहित उन पांच बल्लेबाजों में शामिल हो गया जिन्होंने एक वर्ष में तीन दोहरे शतक जड़े हैं। वह एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सुनील गावस्कर (774 रन) के रिकॉर्ड से महज 135 रन पीछे हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि कोहली चेपक पर फिर सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे, जो तीन साल के अंतराल बाद टेस्ट मैच की मेजबानी कर रहा है। इस दौरान भारतीय टीम आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर भी पहुंची है।
कोहली आगे बढ़कर अगुवाई करना पसंद करते हैं, उनके पास बल्ले और गेंद से मैच विजयी प्रदर्शन करने वाले काफी खिलाड़ी भी मौजूद हैं। टीम उपर से लेकर नीचे तक संतुलित दिखती है और उर्जा से भरी हुई लग रही है। मुरली विजय ने खुद को भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित कर लिया है और मौजूदा सीरीज में दो शतक जड़ चुके हैं।
चेन्नई के इस खिलाड़ी का साथी युवा और काफी प्रतिभाशाली लोकेश राहुल भी रन जुटाने की कोशिश करता है, हालांकि मोहाली में तीसरा टेस्ट नहीं खेलने के बाद वह मुंबई में बड़ी पारी नहीं खेल सका। (भाषा)