कोच पद के लिए हिंदी भाषा अनिवार्य नहीं : बोर्ड
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के प्रमुख कोच पद के लिए विज्ञापन निकालने के एक दिन बाद ही स्पष्ट किया कि इसके लिए दावेदारों को हिंदी भाषा का ज्ञान होना वांछित तो है लेकिन अनिवार्य नहीं है।
भारतीय टीम के कोच पद के लिए आवेदन देने की अंतिम तारीख 10 जून निर्धारित की गई है जिसके लिए बोर्ड ने बुधवार शाम को यह विज्ञापन अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया था। बीसीसीआई ने आवेदन करने के लिए नौ शर्तें भी रखी हैं। बोर्ड की अहम शर्त यह है कि आवेदक ने आईसीसी के सदस्य देश की टीम, प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम अथवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी टीम की सफल कोचिंग की हो।
बीसीसीआई ने गुरूवार को एक बयान जारी कर साफ किया कि उसकी शर्तों में शर्त संख्या छह के लिए वह साफ करना चाहता है कि यह अनिवार्य नहीं है। बोर्ड के सचिव अजय शिर्के ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विज्ञापन में दिए गए बिंदुओं में छठे बिंदू के अनुसार पुरूष सीनियर राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच पद के दावेदार के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अनिवार्य है लेकिन दावेदार के लिए भारतीय भाषा का ज्ञान वांछित तो है परंतु अनिवार्य नहीं है।
शिर्के ने कहा कि बोर्ड चाहता है कि टीम का मुख्य कोच संवाद करने में निपुण हो ताकि खिलाड़ियों तक अपने संदेश को ठीक तरह से पहुंचा सके। टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री, बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर के अनुबंध मार्च में ट्वंटी-20 विश्वकप के बाद से समाप्त हो चुके हैं।
बांगड़ को हालांकि जून में होने वाले जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का प्रमुख कोच बनाया गया है। अंडर-19 और भारत-ए टीम के साथ काम कर चुके अभय शर्मा को इस दौरे के लिए टीम इंडिया का फील्डिंग कोच नियुक्त किया गया है। (वार्ता)