सुप्रीम आदेशों को लागू करने के लिए बीसीसीआई गठित करेगा समिति
मुंबई। लोढा पैनल की सिफारिशों को लागू करने में आगे भी देरी होने की संभावना है क्योंकि बीसीसीआई ने यह तय करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर किस तरह से सर्वश्रेष्ठ तरीके से और जल्दी से अमल किया जा सकता है।
विशेष आमसभा (एसजीएम) की दो घंटे 45 मिनट तक चली लंबी बैठक में कोई अंतिम फैसला नहीं किया जा सका जैसा कि प्रशासकों की समिति ने कल राज्य इकाइयों के साथ बैठक के दौरान आग्रह किया था। बैठक में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और विवादों के घेरे में रहे एन. श्रीनिवासन भी उपस्थित थे।
कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बैठक के बाद कहा, कल पांच या छह सदस्यों की एक समिति गठित की जाएगी जो यह देखेगी कि उच्चतम न्यायालय के प्रमुख आदेश कैसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से और जल्दी लागू किया जा सकें। चौधरी ने कहा कि समिति को अपनी रिपोर्ट एक पखवाड़े के अंदर सौंपनी होगी और यह अगले दो दिन में काम करना शुरू कर देगी।
जो प्रमुख मुद्दे हैं उनमें एक राज्य एक मत, 70 साल की उम्र की सीमा, प्रत्येक तीन साल के बाद 'कूलिंग ऑफ पीरियड' यानि कोई पद नहीं संभालना और वर्तमान के तीन के बजाय फिर से पांच सदस्यीय चयन पैनल गठित करना शामिल हैं।
अन्य मसलों जैसे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला के बारे में चौधरी ने फिर से बीसीसीआई का रवैया स्पष्ट किया कि वह सरकार से अनुमति मिलने पर ही अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेलेंगे।
चौधरी ने कहा, बीसीसीआई ने 2014 में जिस पत्र पर हस्ताक्षर किए थे उस आधार पर हमने पीसीबी अधिकारियों से मुलाकात की। यह जरूरी था। हमारी स्थिति अब भी पहले जैसी ही है। सरकार से अनुमति मिलने पर ही दौरा हो सकता है।
राजस्थान क्रिकेट संघ के निलंबन आदेश को रद्द करने के संबंध में चौधरी ने कहा, हमने उनसे (आरसीए) से कारण बताओ नोटिस का औपचारिक जवाब देने के लिए कहा है और उन्होंने भी बीसीसीआई के खिलाफ मामला वापस लेने का फैसला किया है। आरसीए के नए अध्यक्ष कांग्रेस के सीपी जोशी हैं।
चौधरी ने इसके साथ ही सूचित किया कि गुवाहाटी में नव निर्मित स्टेडियम में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा, असम क्रिकेट संघ का स्टेडियम कुछ चीजों को छोड़कर मैचों के आयोजन के लिए तैयार है। बीसीसीआई सचिव और महाप्रबंधक (खेल विकास) ने उसका निरीक्षण किया था। (भाषा)