अनुराग ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सांसद अनुराग ठाकुर को सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाने के मामले में बड़ी राहत प्रदान करते हुए मुकदमा चलाने संबंधी हिमाचल प्रदेश सरकार की याचिका आज खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार की याचिका खारिज करते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के गत वर्ष 30 मई के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय ने अनुराग की याचिका स्वीकार करते हुए धर्मशाला में उन पर सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाने का मुकदमा निरस्त कर दिया था। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने अनुराग एवं अन्य के खिलाफ मामला रद्द करके गलती की है। उन्होंने दलील दी कि अनुराग ने अक्टूबर 2013 में धर्मशाला में 200-250 लोगों के साथ थाने में घुसकर नारेबाजी की और पटाखे चलाए। इन लोगों ने सरकारी कर्मचारी को काम में बाधा पहुंचाई थी। इन पर मुकदमा चलना चाहिए। इन्हें ऐसे नहीं छोड़ा जा सकता। अनुराग ठाकुर की ओर से पेश वकील पीएस पटवालिया एवं अभिनव मुखर्जी ने राज्य सरकार के वकील की दलीलों का पुरजोर विरोध किया।
राज्य सरकार के मुताबिक हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए अनुराग ठाकुर को थाने बुलाया गया था, जहां वह अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। समर्थकों ने वहां नारे लगाए और पटाखे चलाए तथा सरकारी कर्मचारी को काम करने में बाधा पहुंचाई। जिस पर अनुराग एवं अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत मामला दर्ज हुआ था। (वार्ता)