नईदिल्ली। मॉर्डन डे क्रिकेट में कई बार यह कहा जाता है कि टॉस जीतने से आधा मैच जीता जा सकता है, क्योंकि कप्तान मनमाफिक निर्णय लेकर मैदान पर अपनी योजना का क्रियान्वन कर सकता है। हालांकि भारत ऑस्ट्रेलिया सीरीज में इसका ठीक उल्टा हुआ है। जिस टीम ने टॉस जीता है वह मैच नहीं जीत सकी। जब जब कप्तान ने जीता टॉस , वह हारा मैच।
मोहाली वनडे
भारत ने टॉस जीता और बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। रोहित शर्मा और शिखर धवन ने भारत के लिए पारी की शुरुआत की।
रोहित शर्मा और धवन ने सपाट पिच पर पहले विकेट के लिए 193 रन जोड़े। धवन (115 गेंदों पर 143 रन) ने वनडे में अपना 16वां शतक लगाया लेकिन उप कप्तान रोहित (92 गेंदों पर 95 रन) अपने 23वें शतक से चूक गए। अंतिम 15 ओवरों में लगातार विकेट गंवाने के बावजूद भारत ने अच्छी शुरुआत के दम पर 9 विकेट पर 358 रन का विशाल स्कोर बनाया।
लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 47.5 ओवर में छह विकेट पर 359 रन बना दिए जो उसका बाद में बल्लेबाजी करते हुए सबसे बड़ा स्कोर है। हैंड्सकांब (105 गेंदों पर 117 रन) और उस्मान ख्वाजा (99 गेंदों पर 91 रन) ने तीसरे विकेट के लिए 192 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटकों से उबारा लेकिन वह टर्नर थे, जिन्होंने मैच का पासा पूरी तरह से पलटा। उन्होंने 43 गेंदों पर 5 चौकों और 6 छक्कों की मदद से नाबाद 84 रन की तूफानी पारी खेली।
रांची वनडे
भारत ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट पर 313 रन बनाए थे। उसकी तरफ से उस्मान ख्वाजा (113 गेंदों पर 104 रन) ने वनडे में अपना पहला शतक जमाया और आरोन फिंच (99 गेंदों पर 93 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 193 रन जोड़े। ग्लेन मैक्सवेल ने भी 31 गेंदों पर 47 रन बनाकर उपयोगी योगदान दिया।
जवाब में भारत का स्कोर 3 विकेट पर 27 रन हो गया।लेकिन ऑस्ट्रेलिया का तेज और स्पिन आक्रमण भारतीय कप्तान पर कोई असर नहीं छोड़ पाया। दूसरे छोर पर विकेटों के बीच भी कोहली भारत को मैच में बनाए रखे। जैम्पा ने जब उनका विकेट लिया तो भारत मैच से बाहर हो गया। यह मैच ऑस्ट्रेलिया 32 रनों से जीता
नागपुर वनडे
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और फील्डिंग करने का निर्णय लिया। कमिन्स ने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (0) को पहले ओवर में ही पैवेलियन भेज दिया जिसके बाद कोहली ने क्रीज पर कदम रखा। वह 48वें ओवर तक क्रीज पर रहे। भारत के 250 में से 248 रन कोहली की उपस्थिति में बने।
कप्तान आरोन फिंच (37) और उस्मान ख्वाजा (38) ने पहले विकेट के लिए 83 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को ठोस शुरुआत दिलाई। पीटर हैंड्सकांब ने बीच के ओवरों में 48 रन की पारी खेली जबकि स्टोइनिस ने आखिर तक उम्मीद बनाए रखी लेकिन आखिर में ऑस्ट्रेलियाई टीम 49.3 ओवर में 242 रन पर आउट हो गई। यह मैच भारत 8 रनों से जीता।
हैदराबाद वनडे
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। भारतीय गेंदबाजों ने पेशेवराना अंदाज में गेंदबाजी करके ऑस्ट्रेलिया को खुलकर बल्लेबाजी नहीं करने दी। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले उस्मान ख्वाजा (76 गेंदों पर 50) और ग्लेन मैक्सवेल (51 गेंदों पर 40) भी भारतीय आक्रमण के सामने सहज होकर नहीं खेल पाए। एलेक्स कैरी (नाबाद 36) और नाथन कूल्टर नाइल (28) के बीच 7वें विकेट के लिए 62 रनों की साझेदारी से ऑस्ट्रेलिया 7 विकेट पर 236 रन तक ही पहुंच पाया।
भारत के सामने बड़ा लक्ष्य नहीं था लेकिन कप्तान विराट कोहली (45 गेंदों पर 44) सहित शीर्ष क्रम के 4 विकेट 99 रन पर निकलने के कारण वह बैकफुट पर था। धोनी (72 गेंदों पर नाबाद 59, 6 चौके, 1 छक्का) और जाधव (87 गेंदों पर नाबाद 81, 9 चौके, 1 छक्का) ने ऐसे समय में परिस्थिति के अनुरूप बल्लेबाजी करके 5वें विकेट के लिए 141 रनों की अटूट साझेदारी की। इससे भारत 4 विकेट पर 240 रन बनाकर जीत दर्ज करने और 5 मैचों की श्रृंखला में शुरुआती बढ़त बनाने में सफल रहा।