Last Modified: मुंबई ,
शुक्रवार, 30 नवंबर 2012 (20:43 IST)
रमन ने लिया भारतीय स्पिनर्स का पक्ष
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पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन ने शुक्रवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में भारतीय स्पिनर अपेक्षाओं का बोझ नहीं सह पाए। भारत यह मैच दस विकेट से हार गया था जिसमें इंग्लैंड ने चार मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर कराई।
बंगाल रणजी टीम के कोच रमन ने यहां ब्रेबोर्न स्टेडियम में कहा कि उन पर बहुत अधिक दबाव था क्योंकि विशेषकर टर्निंग विकेट पर विपरीत परिणाम की किसी को उम्मीद नहीं थी। इन सबके कारण उन पर दबाव बन गया था।
रमन ने कहा कि कम स्कोर के कारण उन पर दबाव बढ़ गया। मैं समझता हूं कि इससे बड़ा अंतर पैदा हो गया। एक बार जब उन्होंने एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन की साझेदारी तोड़ दी तो उसके बाद उन्हें पारी समेटने में देर नहीं लगी।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा अंतर उस (कुक-पीटरसन) साझेदारी ने पैदा किया। इसके अलावा हमने अधिक रन नहीं बनाए थे। रमन ने पहली पारी में भारत के लचर प्रदर्शन का भी जिक्र किया। भारत का स्कोर एक समय पांच विकेट पर 119 रन था। इसके बाद चेतेश्वर पुजारा ने अपना लगातार दूसरा शतक जड़कर टीम को 327 रन तक पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बल्लेबाजों पर अच्छा प्रदर्शन करने का अतिरिक्त दबाव होगा। यदि अच्छा स्कोर नहीं बनेगा तो चार पांच स्पिनर होने के बावजूद भी आप कुछ नहीं कर सकते। बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना ही होगा।
रमन ने भारतीय स्पिनरों को धर्य बनाए रखने ओर अपनी गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह समझना जरूरी है कि क्या करना है। उन्हें संयम बनाए रखना होगा। एस वेंकटराघवन जैसे गेंदबाज यह सुनिश्चित करते थे कि बल्लेबाज के सामने वे खुद को कमजोर साबित नहीं होने देंगे।
प्रासी (ईरापल्ली प्रसन्ना) हमेशा कहते हैं कि मैं गेंदबाज से कहूंगा कि वह अच्छी गेंदबाजी करे और विकेट लेने के बारे में नहीं सोचे। रमन ने कहा कि मददगार पिच पर गेंदबाजी करना आसान नहीं होता क्योंकि लोग जो समझते हैं उसके विपरीत बल्लेबाज कई कोण से गेंद को समझ सकता है। (भाषा)