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Last Updated : मंगलवार, 25 मई 2021 (23:29 IST)

CBSE Board Exams 2021 : 12वीं परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर 300 छात्रों ने CJI को लिखा पत्र

CBSE Board Exams 2021 : 12वीं परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर 300 छात्रों ने CJI को लिखा पत्र - cbse board exams 2021 300 students wrote letter to cji demanding cancellation of 12th exam
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जहां सुरक्षा के साथ कक्षा 12वीं परीक्षा करवाने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ लगभग 300 छात्रों ने सीबीएसई की परीक्षा को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को एक पत्र भेजा है। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को उनके लिए वैकल्पिक मूल्यांकन योजना प्रदान करने का निर्देश देने को कहा है। 
 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है। बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किया हैं। इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं। 
शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से रविवार को एक हाईलेवल मीटिंग में सामने आए दो प्रस्तावों पर आज तक विस्तृत सुझाव देने को कहा था। अधिकतर राज्यों ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रमुख विषयों के लिए कम अवधि की परीक्षा कराने के विकल्प को चुना है वहीं कुछ राज्यों ने परीक्षा से पहले छात्रों और शिक्षकों के टीकाकरण पर भी जोर दिया है।  इस बीच ट्विटर पर हैशटैग ‘बोर्ड परीक्षाएं रद्द करो’ ट्रेंड करता रहा। छात्रों और अभिभावकों का बड़ा वर्ग परीक्षाएं निरस्त करने की मांग कर रहा है।
 
300 से अधिक छात्रों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण को पत्र लिखकर प्रत्यक्ष परीक्षाएं कराने के प्रस्ताव को रद्द करने की गुहार लगाई है तथा पिछले वर्ष की तरह ही वैकल्पिक मूल्यांकन योजना को अमल में लाने का अनुरोध किया है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें काफी राज्यों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिली हैं। राज्यों के बीच यह व्यापक आम-सहमति है कि परीक्षाएं कराई जानी चाहिए। जैसा कि पहले मंत्री महोदय ने कहा था कि मिलकर लिये गए फैसले की घोषणा 1 जून तक की जाएगी।

टीकाकरण कीजिए या परीक्षा रद्द कीजिए : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर केंद्र सरकार को दिए सुझाव में कहा कि ‘या तो टीकाकरण कीजिए या परीक्षा रद्द कीजिए। दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने 10वीं कक्षा, 11वीं कक्षा और 12वीं कक्षा में अब तक के आकलन के अंकों को ध्यान में रखते हुए परिणाम तैयार करने की अनुशंसा की।
 
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लिखे पत्र में सिसोदिया ने कहा कि अगर विशेषज्ञ 12वीं कक्षा के छात्रों को कोविशील्ड या कोवैक्सीन का टीका लगाने के खिलाफ सुझाव दे रहे हैं तो केंद्र सरकार को फाइजर का टीका खरीदना चाहिए जिसे 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई है। 
 
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करें तो परीक्षा की प्रक्रिया में शामिल कक्षा 12 के सभी छात्रों और शिक्षकों को तीन से चार हफ्ते के अंदर टीका लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि वर्तमान में छात्रों को टीका लगाना उचित नहीं है तो मेरा मानना है कि परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए और छात्रों द्वारा 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर परिणाम को सारिणीबद्ध किया जाना चाहिए।
 
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने रविवार की बैठक के बाद कहा था कि राज्य अब भी बिना परीक्षा कराए मूल्यांकन करने के विचार के पक्ष में है। पंजाब सरकार ने भी दूसरा विकल्प चुना है। हालांकि उसने दोहराया कि परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को कोविड टीका लगवाया जाना चाहिए।

पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लेने से पहले 12वीं कक्षा के छात्रों को टीका लगवाया जाए। हिमाचल प्रदेश, केरल, बिहार और कर्नाटक ने भी दूसरे विकल्प की वकालत की है। केरल ने भी बैठक में टीकाकरण का विषय उठाया था।