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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 5 जनवरी 2010 (16:01 IST)

ऑटो एक्सपो में रहेगा छोटी कारों का जलवा

Auto Expo 2010 | ऑटो एक्सपो में रहेगा छोटी कारों का जलवा
दुनिया की प्रमुख वाहन कंपनियाँ आज से प्रगति मैदान में शुरू हुए ऑटो एक्सपो के 10वें संस्करण में अपने उत्पादों के साथ मौजूद हैं। इस बार ऑटो एक्सपो में ज्यादा छोटी और ‘ग्रीन’ कारों (पर्यावरण के अनुकूल) का जलवा दिखाई देगा।

दुनिया की इस दूसरे सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में वाणिज्यिक वाहन कंपनियाँ भी अपनी बाजार हिस्सेदारी हासिल करना चाहती हैं। एक सप्ताह तरह चलने वाले इस वाहन मेले में दुनिया की प्रमुख कंपनियाँ अपने वाणिज्यिक वाहन उतारेंगी। कुल स्थान के हिसाब से इसे दुनिया का सबसे बड़ा वाहनों का मेला भी कहा जा रहा है।

वाहन मेले में करीब 20 लाख कार प्रेमियों के आने की उम्मीद है। ऑटो एक्सपो के दौरान करीब 50 नए वाहन लांच किए जाएँगे। इनमें से दस वाहन वैश्विक स्तर पर उतारे जाएँगे।

दुनिया की प्रमुख कार कंपनियाँ टोयोटा, होंडा, सुजूकी और जनरल मोटर्स सभी इस मेले में भाग ले रही हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियाँ मेले के दौरान उच्च ईंधन दक्षता वाली छोटी और कान्सेप्ट कारों को पेश करेंगी।

भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि भारत के ऑटो एक्सपो की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय वाहन कंपनियाँ यहाँ अपने वैश्विक मॉडल लांच करेंगी, जैसे वे दुनिया में अन्य ऑटो शो के दौरान करती हैं।

होंडा और टोयोटा ने अपनी कान्सेप्ट छोटी कारों को पेश किया है। उनकी नजर भारत के तेजी से बढ़ते बाजार पर है। ये कंपनियाँ भारत को अपनी छोटी कारों के लिए वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में इस्तेमाल करना चाहती हैं।

टोयोटा ने विशेष रूप से भारत के बाजार के लिए विकसित अपनी कान्सेप्ट छोटी कार ‘इतियास’ पेश की है। कंपनी का भारत के किलरेस्कर समूह के साथ संयुक्त उपक्रम है। कंपनी बेंगलुरु में अपना दूसरा विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए 3,200 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है।

इस कार को कंपनी 2011 के शुरू में इसी संयंत्र में बनाएगी। टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन के वाइस चेयरमैन काजुओ ओकामोतो ने कहा कि भारत का बाजार 2015 तक 40 लाख इकाई पर पहुँच जाएगा। जापान की प्रमुख वाहन कंपनी के लिए यह बाजार काफी महत्वपूर्ण है।

मारुति सुजूकी ने छोटा बहु उद्देश्यीय कान्सेप्ट वाहन पेश किया है। देश की शीर्ष कार विनिर्माता एक नया वर्ग बनाना चाहती है। इस कान्सेप्ट वाहन का विकास मारुति सुजूकी ने अपने शोध एवं विकास केंद्र में किया है।

जर्मनी की कार कंपनी फाक्सवैगन ने छोटी कार 1.2 लीटर की पोलो पेश की है। फाक्सवैगन एजी के निदेशक मंडल के सदस्य जोशेम हाइजमैन ने कहा कि पोलो जर्मनी की इंजीनियरिंग और शीर्ष टेक्नोलाजी का नमूना है।

दोपहिया कंपनियाँ भी पीछे नहीं हैं। अमेरिका की महँगी मोटरसाइकिलें बनाने वाली कंपनी हर्ले डेविडसन ने भारतीय बाजार में 12 मोटरसाइकिलें उतारने की घोषणा की है। इन मोटरसाइकिलों की कीमत 6.95 लाख रुपए से 34.95 लाख रुपए के बीच है।