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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 8 जनवरी 2017 (10:44 IST)

सिर्फ 3 फीसदी परिवार करते हैं म्युचुअल फंड में निवेश

सिर्फ 3 फीसदी परिवार करते हैं म्युचुअल फंड में निवेश - Mutual fund investment
नई दिल्ली। देश के सिर्फ 3 प्रतिशत परिवार ही अपनी बचत म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं  जबकि अधिकतर लोग अभी भी मेहनत से जोड़ी गई अपनी रकम जमीन और सोना खरीदने में  लगाते हैं। इसके बावजूद देश की सभी म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा प्रबंधित कुल 16.9 लाख  करोड़ रुपए में आधे से ज्यादा निवेश परिवारों या व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा किया गया है।
 
महिंद्रा समूह की परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी एमएएमसीपीएल के महाप्रबंधक एवं मुख्य कार्यकारी  अधिकारी आशुतोष बिष्णोई ने बताया कि अमेरिका में जहां 75 प्रतिशत परिवार म्युचुअल फंडों  के जरिए अपना पैसा शेयरों और डेट में निवेश करते हैं वहीं भारतीय परिवार, विशेषकर ग्रामीण  इलाकों में, अभी भी सोने और जमीन जैसे पारंपरिक निवेश में यकीन करते हैं। किसान परिवार  पैसे बचाकर गाय-बैल आदि भी खरीदता है, जो उनकी कृषि जरूरतों को पूरा करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा प्रबंधित परिसंपत्ति की वार्षिक  वृद्धि दर 25 प्रतिशत रही है लेकिन यदि देश के सामान्य लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया  जा सके तो इसमें काफी बढ़ोतरी संभव है।
 
उन्होंने बताया कि एएमसी द्वारा प्रबंधित कुल रकम अभी 16.9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है।  इसमें 9 लाख करोड़ रुपए पारिवारिक या व्यक्तिगत निवेश है। यह देश के सिर्फ 3 प्रतिशत  परिवारों का निवेश है, शेष 7.9 करोड़ रुपए संस्थागत निवेशकों द्वारा लगाए गए हैं।
 
विष्णोई ने कहा कि यदि हम अमेरिका की तरह 75 प्रतिशत नहीं तो मध्यम अवधि में कम से  कम 10 प्रतिशत परिवारों को तो इसमें जोड़ ही सकते हैं जिससे उनका निवेश 25 लाख करोड़  रुपए के पार पहुंच जाएगा तथा छोटे शहरों तथा ग्रामीण इलाकों में कम से कम 50 लाख करोड़  रुपए के निवेश की संभावना है, जो अब तक अनछुई है।
 
लोग अपनी बचत शेयरों या डेट में क्यों नहीं लगाना चाहते? इसके बारे में पूछे जाने पर  उन्होंने कहा कि छोटे शहरों तथा गांवों में लोग जोखिम लेना जानते हैं, लेकिन म्युचुअल फंडों  के बारे में जानकारी का अभाव उन्हें ऐसा करने से रोकता है।
 
उन्होंने कहा कि एक किसान को फसल की बुवाई के समय पता नहीं होता कि मौसम कैसा  रहेगा और अंत में उपज कितनी होगी। फसल लगाते समय वह उद्यमियों के मुकाबले कहीं  ज्यादा जोखिम उठाता है। उन्हें शेयर बाजार में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह  जरूरी है कि स्थानीय एजेंटों के माध्यम से उनमें जागरूकता पैदा की जाए।
 
बिष्णोई ने कहा कि म्युचुअल फंड में आम लोगों से निवेश आकर्षित करने का यही सही मौका  है, क्योंकि चाहे-अनचाहे इस समय उनका पैसा बैंकों में जमा है और इसे बचत खातों से सीधे  म्युचुअल फंड खातों में स्थानांतरित कर वे बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं। (वार्ता)
 
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