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Last Updated : मंगलवार, 11 जुलाई 2023 (23:39 IST)

GST : ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी, महंगी होंगी कारें, कैंसर की दवा और खाने-पीने के ये सामान होंगे सस्ते

GST : ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी, महंगी होंगी कारें, कैंसर की दवा और खाने-पीने के ये सामान होंगे सस्ते - GST Council clears 28% tax on online gaming on full face value amount, reduces GST on food served in cinema halls
नई दिल्ली। GST : केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और रेस पर लगेगा 28  प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। आज 50वीं जीएसटी परिषद की बैठक हुई। बैठक में जीएसटी परिषद ने कैंसर से संबंधित दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं और विशेष चिकित्सा उद्देश्यों के लिए खाद्य उत्पादों को जीएसटी कर से छूट दी गई। सिनेमा हॉल में खाने पीने पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी ही लगेगा। 
 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने निजी संगठनों द्वारा प्रदान की जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के लिए जीएसटी पर छूट की पेशकश की है। ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर 28% कर लगाया जाएगा और उन पर पूर्ण अंकित मूल्य पर कर लगाया जाएगा। 
 
पहले एक कोर्ट के मामले में 'गेम ऑफ स्किल' और 'गेम ऑफ चांस' पर पुलिस विभाग को किस पर कार्रवाई करने की अनुमति है उस पर कोई फैसला सुनाया था। यह ऑनलाइन 'गेम ऑफ स्किल' और 'गेम ऑफ चांस' को लेकर टैक्स चोरी करने का काम करते थे। अब जो भी ऑनलाइन खेल हैं उस पर 28% कर लगेगा।
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 50वीं बैठक के बाद  कहा कि अनकूक्ड और अनफायड्र स्नैक पैलेट्टस पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह से फिश सॉलूब्ल पेस्ट पर भी जीएसटी को 18 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही सज्जात्मक जरी धागे पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर 5  प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अतिरक्त एलडी स्लैग पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
 
कैंसर दवाओं में छूट : उन्होंने कहा कि इसी तरह से कैंसर की बीमारी में उपयोगी डिनुटुक्सिंब (क्यारजिबा) दवा को व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात करने पर आईजीएसटी नहीं लगेगा। इसी के साथ दुलर्भ बीमारियों के लिए उपयोगी दवाओं और खाने पीने की वस्तुओं के आयात पर भी आईजीएसटी नहीं लगाने का निर्णय लिया गया है।
 
गोवा और सिक्किम ने किया विरोध : वित्त मंत्री ने कहा कि कसिनो, हॉर्स रेस के साथ ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया है। हालॉकि गोवा और सिक्किम ने कसिनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी का विरोध किया था लेकिन परिषद ने उसे खारिज कर दिया।
 
एसयूवी की नई परिभाषा : उन्होंने कहा कि स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन की परिभाषा को पुन: परिभाषित किया गया है और अब 1500 सीसी क्षमता से बड़ा इंजन, चार मीटर से अधिक लंबे यात्री वाहन और बगैर भाड़ के 170 मिलीमीटर और इससे अधिक ग्रांउड क्लियरेंस वाले वाहनों पर जीएसटी क्षतिपूर्ति अधिभार लगेगा। इसमें सभी यूटिलिटी वाहन भी आयेगा।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे पान मसाला, तंबाकू उत्पाद आदि जिस पर कानूनी रूप से खुदरा विक्रय मूल्य अंकित करने की जरूरत नहीं पर 31 मार्च 2023 तक जो कर लग रहा था उस पर अब क्षतिपूर्ति कर लगाने का आदेश जारी किया जाएगा। 
 
इसके साथ ही आरबीएल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को बैंकों की उस सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है जिसमें उन बैंकों को सोना, चांदी और प्लेटनिम के आयात पर आईजीएसटी से छूट दी गयी हुयी है।
 
 सीतारमण ने कहा कि परिषद ने निजी कंपनियों को उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया है।
 
सीतारमण ने कहा कि परिषद के प्रारंभ में जीएसटी पर बनाये गये एक फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी के कुछ मामलों को प्रवर्तन निदेशालय को दिए जाने पर आपत्ति की लेकिन उनकी शंकाओं का समाधान किया गया और इसके संबंधित प्रावधान के बारे में बताया गया।

कंपनियां बोलीं कारोबार पर पड़ेगा असर : ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से नए गेम में निवेश करने की उनकी क्षमता सीमित होने के साथ नकद प्रवाह और कारोबार विस्तार पर भी असर पड़ेगा।
 
नजारा, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो जैसी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है।
 
एआईजीएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोलैंड लैंडर्स ने कहा, "यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी। इससे सिर्फ राष्ट्र-विरोधी गैरकानूनी विदेशी मंच ही लाभान्वित होंगे।"
 
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार इस उद्योग का समर्थन करती रही है तो इस मामले का विस्तार से अध्ययन करने वाले मंत्री समूह (जीओएम) के अधिकांश सुझाव नजरअंदाज करते हुए कानूनी रूप से ऐसा कमजोर निर्णय लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार और जीएसटी परिषद से 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का अनुरोध किया था।
 
इंडियाप्लेज के मुख्य परिचालन अधिकारी आदित्य शाह ने कहा, "28 प्रतिशत कर लगाने से गेमिंग उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। ऊंचे कर का बोझ कंपनियों के नकद प्रवाह को प्रभावित करेगा जिससे नवाचार, अनुसंधान और व्यापार विस्तार में निवेश करने की उनकी क्षमता भी सीमित हो जाएगी।"
 
उन्होंने यह भी कहा कि कौशल-आधारित गेम और सट्टेबाजी में लगे ऐप्स या कसीनो के साथ एक जैसा बर्ताव नहीं होना चाहिए।
 
गेम्स 24x7 और जंगली गेम्स जैसी कंपनियों के संगठन ई-गेमिंग फेडरेशन ने कहा कि कर का बोझ बढ़ने से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग न केवल अव्यवहार्य हो जाएगा बल्कि यह वैध कर-भुगतान करने वाली इकाइयों के बजाय काला बाजारी करने वाले परिचालकों को बढ़ावा देगा। Edited By : Sudhir Sharma