Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
रविवार, 11 नवंबर 2007 (13:31 IST)
भारतीय अधिकारी अधिक आशावान
अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति को लेकर बात करें तो भारत के निगमित क्षेत्र के अधिकारी अधिक आशावान नजर आते हैं।
अंतरराष्ट्रीय परामर्शक फर्म मैकिन्से द्वारा पिछली तिमाही के लिए कराए गए सर्वे के मुताबिक भारतीय कार्यपालकों में से 77 प्रतिशत का कहना है कि वे देश की अर्थव्यवस्था को छह महीने में बेहतर होते देखेंगे।
चीन, यूरोप, उत्तर अमेरिका और एशिया प्रशांत के अन्य देशों के कार्यपालकों के मुकाबले भारतीय कार्यपालक अधिक विश्वास से भरे हैं।
वैश्विक औसत 36 प्रतिशत के मुकाबले 77 प्रतिशत का स्तर काफी ऊँचा है। एशिया प्रशांत का औसत 46 प्रतिशत है। चीन का औसत 65 प्रतिशत है। उत्तरी अमेरिका में यह आँकड़ा केवल 26 प्रतिशत है।
मुद्रास्फीति के मोर्चे पर भारतीय कार्यपालकों में से 19 प्रतिशत का कहना है कि उन्हें अगले छह महीने में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आने की उम्मीद है। वैश्विक औसत नौ प्रतिशत है जबकि एशिया प्रशांत का औसत चार प्रतिशत है। चीन में यह 13 प्रतिशत है।