यदि शुक्र ग्रह खराब है तो करें लाल किताब के यह उपाय...
सौरमंडल के नवग्रहों में शुक्र का महत्व अधिक है। आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। इसे संध्या और भोर का तारा भी कहते हैं। ज्योतिष और वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र की किरणों का हमारे शरीर और जीवन पर अकाट्य प्रभाव पड़ता है।
पुराणों के अनुसार शुक्र दानवों के गुरु हैं। इनके पिता का नाम कवि और इनकी पत्नी का नाम शतप्रभा है। दैत्य गुरु शुक्र दैत्यों की रक्षा करने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। ये बृहस्पति की तरह ही शास्त्रों के ज्ञाता, तपस्वी और कवि हैं। इन्हें सुंदरता का प्रतीक माना गया है। कुंडली के प्रत्येक भाव या खाने के अनुसार शुक्र के शुभ-अशुभ प्रभाव को लाल किताब में विस्तृत रूप से समझाकर उसके उपाय बताए गए हैं। यहां प्रस्तुत हैं शुक्र ग्रह के खराब या अच्छे होने के लक्षण।
शुक्र ग्रह के अशुभ होने की निशानी...
अशुभ की निशानी :* शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म।* यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो, तब भी शुक्र का बुरा असर होता है।* अंगूठे में दर्द का रहना या बिना रोग के ही अंगूठा बेकार हो जाना शुक्र के अशुभ होने की निशानी है।* शुक्र के अशुभ होने से त्वचा में विकार, गुप्त रोग और पत्नी से अनावश्यक कलह हो जाता है।* इसके अलावा भी ऐसी कई स्थितियां हैं जिससे शुक्र को मंदा माना गया है। जैसे परस्त्री से संबंध, शराब सेवन और मांसाहार। ऐसे व्यक्ति सदा भोग-विलास में मद-मस्त रहते हैं।
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