• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. लाल किताब
  4. brahaspati grah Guru in fourth house lal kitab
Last Updated : मंगलवार, 28 अप्रैल 2020 (10:26 IST)

बृहस्पति यदि है चौथे भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

बृहस्पति यदि है चौथे भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य - brahaspati grah Guru in fourth house lal kitab
धनु और मीन का स्वामी गुरु कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में गुरु बलवान और सातवें, दसवें भाव में मंदा होता है। बुध और शुक्र के साथ या इनकी राशियों में बृहस्पति बुरा फल देता है। लेकिन यहां चौथे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और उपाय करें, जानिए।
 
 
कैसा होगा जातक : ‍पानी में तैरता ज्ञान। स्त्री, दौलत और माता का सुख। खुद का आलिशान मकान। राजा जैसा जीवन होगा। यहां यदि उच्च का गुरु है तो प्रसिद्ध पाएगा। चौथा घर बृहस्पति के मित्र चंद्रमा का है। बृहस्पति इस घर में उच्च का होता है। इसलिए जातक को दूसरों का भाग्य व भविष्य तय करने की शक्तियां प्रदान करता है। जातक को संकट के समय में दैवीय सहायता प्राप्त होती है। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढती जाएगी जातक समृद्धि और धन में भी वृद्धि होगी। लेकिन यदि सावधानियों का पालन नहीं किया तो उपरोक्त कुछ भी नहीं मिलेगा।
 
 
5 सावधानियां :
1. घर में भीतर मंदिर का होना अच्छा नहीं।
2. संन्यास या वैराग्य के बाद संसार में रहकर अच्छे नहीं।
3. घर में कभी भी नंगे बदन न रहें।
4. दसवें घर में गुरु के शत्रु ग्रह हैं तो सवधानी बरतें।
5. बदनामी वाले कोई कार्य न करें और कुसंगत से बचें।
 
 
क्या करें : 
1. बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते रहें।
2. नाग देवता को दूध पिलाते रहें।
3. बहन, पत्नी और मां का अपमान न करें।
4. पीपल के पेड़ में गुरुवार को जल चढाएं।
5. गुरुवार का व्रत रखें और दुर्गा माता की पूजा करें।
ये भी पढ़ें
श्री गंगा चालीसा : जय जग जननि अघ खानी