HIGHLIGHTS
• अक्षय तृतीया के सरल उपाय।
• अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी को करें प्रसन्न।
• अक्षय तृतीया के दिन करें देवी लक्ष्मी के उपाय।
Akshaya tritiya in hindi : इस वर्ष अक्षय तृतीया का पावन पर्व 10 मई 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस बार शुक्रवार का दिन पड़ने के कारण इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि शुक्रवार के दिन धन की देवी लक्ष्मी माता का पूजन तथा उपाय किए जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन देवी-देवता का पूजन, मंत्र जप, पूजा-पाठ-अनुष्ठान, दान-धर्म इत्यादि कार्य प्रमुखता से किए जाते हैं।
हर मनुष्य जीवन में हर क्षण कोई न कोई नई समस्या आती रहती है जिसका समाधान शीघ्र ही नहीं मिलता है, लेकिन यदि आप अक्षय तृतीया के दिन निम्न उपाय करते हैं तो धन की देवी माता लक्ष्मी शीघ्र ही प्रसन्न होकर आपके घर स्थायी निवास करेंगी तथा इन उपायों से आपको अक्षय लाभ भी प्राप्त होगा।
आइए यहां जानते हैं अक्षय तृतीया के 5 सरल किंतु अचूक उपायों के बारे में-
1. अक्षय तृतीया के दिन दक्षिणावर्ती शंख में पानी भरें, तथा भगवान विष्णु जी का पूजन-अभिषेक करके दूध, दही अर्पण करें। साथ ही माता महालक्ष्मी का ध्यान करके चावल की खीर बनाकर उसका भोग लगाएं। और अपनी कामना लक्ष्मी-नारायण जी से कहें, आपका काम अवश्य सफल होगा।
2. जिन लोगों के घर से बरकत चली गई हो या रोजगार में परेशानी आ रही हो तो वे इस मंत्र- 'ॐ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात्।।' की 51 माला जाप करें तथा बाद में भी जब तक आपकी समस्या दूर न हो, 1 माला जाप तब तक करें। यह जादुई प्रयोग है। यदि सवा लाख मंत्र जाप कर दशांश हवन, तर्पण, मार्जन, कन्या, ब्राह्मण भोजन करवाया जाए तो समस्त ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं।
3. जिन व्यक्तियों को बड़े या कठिन मंत्र पढ़ने में कठिनाई लगे, वे लक्ष्मी एकाक्षरी मंत्र 'श्रीं'/ उच्चारण 'श्रीम् (SHREEM)' का जाप करें। कहा जाता हैं कि इसका 12 लाख जाप करने पर लक्ष्मी जी के प्रत्यक्ष दर्शन होते हैं।
4. व्यापार, दुकान या फैक्टरी नहीं चल रही हो तो चांदी की डिब्बी में शुद्ध सिंदूर रखकर तथा उस पर ग्यारह गोमती चक्र रखकर उपरोक्त किसी भी मंत्र का प्रयोग करने के बाद चांदी की वो डिब्बी दुकान के गल्ले या तिजोरी अथवा पूजा स्थान पर रखने निश्चित ही लाभ प्राप्त होता है।
5. अपार लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पीले वस्त्र तथा पीले आसन का प्रयोग करके सामने प्रतिष्ठित श्री यंत्र या महालक्ष्मी यंत्र रखकर घी का पंचमुखी दीया जलाकर उत्तरा दिशा की ओर मुंह करके बैठें तथा स्फटिक की माला से रात्रि के समय 'ॐ कमलवासिन्यै श्री श्रियै ह्रीं नम:' की 108 माला का जाप करें। श्री यंत्र पर लाल पुष्प, कमल गट्टे तथा दूध से बने पदार्थ या खीर का भोग लगाकर, यदि संभव हो तो 1 माला जप करते हुए अंत में हवन करे। और पूजन के पश्चात यंत्र को दुकान के गल्ले या घर की तिजोरी में रख दें। आपकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होंगी।
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Akshaya Tritiya Muhurat 2024