लखीमपुर कांड का उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर क्या होगा असर?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले लखीमपुर खीरी में भाजपा नेता के वाहन से कुचलकर 4 किसानों की मौत एवं उसके बाद हुई हिंसा में 4 और लोगों की मौत ने योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इस पूरे मामले में केन्द्र की मोदी सरकार के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू का नाम भी आ रहा है।
इस पूरे मामले में कांग्रेस बढ़त बनाती हुई नजर आ रही है, हालांकि यह कहना अभी मुश्किल है कि उसे विधानसभा चुनाव में इसका लाभ मिलेगा। क्योंकि राज्य में फिलहाल कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है और पिछले दिनों सी-वोटर के एक सर्वे में यह पार्टी भाजपा, सपा, बसपा के बाद चौथे स्थान पर नजर आ रही थी।
निश्चित ही इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और राजीव गांधी ने जिस तरह से सक्रियता दिखाई है उससे कांग्रेस को फायदा जरूर होगा। इतना ही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया है।
इसका असर न सिर्फ यूपी के चुनाव में बल्कि पंजाब विधानसभा के चुनाव में भी देखने को मिलेगा। क्योंकि जिन किसानों की मौत हुई है वे सभी सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। चन्नी की घोषणा से निश्चित ही पंजाब के सिखों पर भी सकारात्मक असर दिख सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब में बैकफुट पर आई कांग्रेस इससे थोड़ा डैमेज कंट्रोल तो कर ही सकती है।
हालांकि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कम सक्रियता नहीं दिखाई। उन्होंने ताबड़तोड़ आर्थिक मुआवजे की घोषणा की साथ ही मंत्री मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ थाने में एफआईआर भी दर्ज हो गई। इसके लिए किसान नेता राकेश टिकैत योगी सरकार की तारीफ भी कर चुके हैं। उनके निशाने पर मंत्री मिश्रा और उनका बेटा आशीष ही है।
लखीमपुर कांड को भुनाने में कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दल पीछे नहीं हैं। आम आदमी पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी और बसपा भी इस पूरे मामले को अपने पक्ष में भुनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। हालांकि मतदाता का मूड क्या है यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।