प्रयोगशाला में बना पहला इंसानी दिमाग
न्यूयॉर्क। वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में इंसान जैसे दिमाग को बनाकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है और इसके निर्माण ने और भी बहुत सारी संभावनाओं को जन्म दिया। यह प्रयोगशाला में बना दिमाग ठीक एक इंसानी दिमाग जैसा करेगा। इसके साथ ही, वैज्ञानिक दिमागी बीमारियों का इलाज खोजने में भी इसकी मदद ले सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में दुनिया का पहला ऐसा मस्तिष्क तैयार किया है, जो एक संपूर्ण मानव मस्तिष्क जैसा ही है। इस मामले में यह दुनिया का पहला ऐसा मस्तिष्क भी है, जिसके 99 फीसदी जीन और कोशिकाएं एक इंसान के दिमाग की तरह ही काम करती हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह मस्तिष्क चार हफ्ते के एक भ्रूण के मस्तिष्क जितना विकसित हो चुका है। अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह वयस्क त्वचा की कोशिकाओं से तैयार किया गया है।
एक शोधकर्ता बताते हैं कि इस पर कई जटिल दिमागी बीमारियों के लिए विकसित की जा रही दवाओं का परीक्षण किया जा सकेगा और इसके परिणाम स्वरूप लाइलाज बीमारियों का इलाज ढूंढने में आसानी होगी। वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया पहला मानव मस्तिष्क आकार में भले ही यह छोटा हो, लेकिन इसकी कोशिकाएं और जीन लगभग एक इंसान के दिमाग की तरह ही हैं।
प्रयोगशाला में तैयार किया गया यह मस्तिष्क कई गंभीर दिमागी बीमारियों जैसे अल्जाइमर, ऑटिज्म और पार्किंसन का इलाज खौजनस में मदद करेगा। शोधकर्ता बताते हैं कि तंत्रिका तंत्र की बीमारियों का इलाज खोजने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।