वेताल पच्चीसी की रोचक कहानियां : पच्चीसवीं कहानी
वेताल के कहने पर राजा विक्रमादित्य मुर्दे को लेकर योगी के द्वार पहुंचा। योगी राजा और मुर्दे को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। बोला, 'हे राजन्! तुमने यह कठिन काम करके मेरे साथ बड़ा उपकार किया है। तुम सचमुच सारे राजाओं में श्रेष्ठ हो।'
मुर्दे को लेकर योगी ने क्या किया...
इतना कहकर उसने मुर्दे को उसके कंधे से उतार लिया और उसे स्नान करा कर फूलों की मालाओं से सजा कर रख दिया। फिर मंत्र-बल से वेताल का आवाहन करके उसकी पूजा की। पूजा के बाद उसने राजा से कहा, 'हे राजन्! तुम शीश झुका कर इसे प्रणाम करो।'
राजा ने किया वेताल की आज्ञा का पालन....