बाल कविता - वर्षा आई
प्रीति सोनी
वर्षा आई वर्षा आई
पानी की बौछारें लाई
ठंडे पानी में हम सबने
धमा चौकड़ी खूब मचाई
घर की छत और सड़कों पर
लगे नाचने सब मिलकर
कहीं उछलते कहीं फिसलते
मजे लिए सबने खिल-खिलकर
मम्मी ने पकवान बनाए
सबने लेकर स्वाद उड़ाए
गरम जलेबी लेकर के
पापा भी बाजार से आए
पेट भरा जब मस्ती से
तो एक नया आयोजन रखा
फिर बैठी मंडली मित्रों की
गीत सुना कर कविता गाई
वर्षा आई वर्षा आई
पानी की बौछारें लाई
ठंडे पानी में हम सबने
धमा चौकड़ी खूब मचाई