शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. kids poem
Written By

बाल कविता : चिड़िया

बाल कविता : चिड़िया - kids poem
- महेश साकल्ये
 
चिड़िया फुर्र-फुर्र उड़ती है,
हाथ लगाओ डरती है।
चीं-चीं करती जाती है,
हाथ किसी के ना आती है।
सबको प्यारी लगती है,
पंछियों में न्यारी लगती है।
चोंच से दाने चुगती है,
बड़ी सुंदर, मोहक लगती है।