बच्चों की दिलचस्प कविता : चतुर बिल्ली
कृष्ण वल्लभ पौराणिक
दरवाजे-खिड़की से कैसे
घर में घुसती बिल्लो रानी
जाली लगी हुई थी सबमें
कर न सकी फिर वह मनमानी ...1
चारों ओर भटक-भटककर
बैठी होकर पानी-पानी
तभी भाग्य से छींका टूटा
आई बिटिया मुनमुन रानी ...2
अंदर जाने की जल्दी में
कहीं बात भूली ना मानी
खुला छोड़कर दरवाजे को
की मुनमुन ने थी नादानी ...3
चालाक चुस्त मिनकी लपकी
दबे पांव वह घुसी सयानी
पहुंची तुरत किचन के अंदर
ढोला दूध बनी दीवानी ...4
चाट जीन से ढुली मलाई
बैठी थी बिल्लो महारानी
मुनमुन की माता जब दौड़ी
भागी बाहर वह मस्तानी ...5
मुनमुन को समझाया मां ने
भूली तुम क्यों? बात पुरानी
बिल्ली बहुच चतुर होती है
चकमा देती पूसी रानी ...6
दरवाजे को सदा लगाना
यही बात तुमने ना मानी
बोली मुनमुन अपनी मां से
'नां भूलूंगी अब यह ठानी ...7
आज बगीचे में बैठी है
घात लगाए बिल्लो रानी
फुदक रही चिड़ियाएं जहं तहं
सीधी भोली वे अनजानी ...8