मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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रक्षाबंधन पर फनी बाल कविता : चींटी लाई राखी

रक्षाबंधन पर फनी बाल कविता : चींटी लाई राखी। Raksha Bandhan Poems for Children - elephant-ant and rakhi
बजी द्वार पर घंटी ट्रिन ट्रिन,
हाथी जी चकराए।
फंदक-फंदक कर गुस्से में वह,
दरवाजे तक आए।
 
देख गेट पर चींटी जी को,
क्रोध हुआ काफूर।
सूंड उठाकर पूछा मुझसे,
क्या कुछ हुआ कसूर?
 
चींटी बोली अरे! नहीं रे,
डर मत मेरे भाई।
रक्षाबंधन पर भैया मैं,
राखी लेकर आई।
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