एक वर्ष की कीमत समझें
अलविदा 2009! वेलकम 2010
दोस्तो, अब वक्त आ गया है 2009 को अलविदा कहने को और 2010 के स्वागत का। आदमी का जीवन जब कुछ वर्षों का है तो स्वाभाविक है कि हरेक वर्ष की बहुत बड़ी कीमत है। कहते हैं कि 1 वर्ष की कीमत उस विद्यार्थी से पूछो जोकि अपनी कक्षा में पास नहीं हो सका। और 1 सेकंड की कीमत उस धावक से जो कि 1 सेकंड से भी कम समय से पिछड़ कर स्वर्ण पदक हासिल करने से चूक गया।दोस्तो कभी आपने इस बात पर गौर किया कि हमारा जीवन क्या है। यही एक-एक पल से बना है। क्योंकि जो पल एक बार चला गया वह अब पलट कर कभी नहीं आएगा। तो क्यों न हम इस समय की और एक-एक वर्ष की कीमत पहचानें।एक बार पलटकर देखें कि विगत वर्ष में हमने क्या हासिल किया और क्या हासिल करने से छूट गया। हमने अपने जिन गुणों के कारण कुछ पाया उन्हें हम बरकरार रखें और जो हम प्राप्त कर सकते थे लेकिन हमारी किसी गलती से हम उसके हकदार नहीं बन सके, उन कमियों को दूर करते चलें। और इन बातों को आगे भी ध्यान रखें और जीवन में उसे अमल में लाएँ।गलती हर इंसान से होती है। सचिन तेंडुलकर भी कभी शतक मारता है, कभी दोहरा शतक तो कभी 0 पर या 20 रनों के भीतर ही आउट हो जाता है। आज हमारे देश में इतने बड़े-बड़े उद्योगपति हैं। सभी को पहले प्रयास में तो सफलता नहीं मिल जाती। उन्हें भी किसी-किसी व्यवसाय में कुछ समय घाटा उठाना पड़ता है। महात्मा गाँधी भी कहते थे 'चाहे सौ गलतियाँ करो, लेकिन किसी भी गलती को दोहराओ मत। क्योंकि गलती को दोहराना मूर्खता है।'बस जरूरत है इन गलतियों को दूर करते जाने की ताकि जीवन में आप सफल कहलाएँ। ताकि आप स्वयं पर और आपके परिजन आप पर गर्व कर सकें। आशा करता हूँ इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप अपने नव वर्ष की शुरुआत करेंगे। नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ।