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Written By राजश्री कासलीवाल

नई दुल्हनों की पहली चौथ

वैवाहिक जीवन की खुशहाली का प्रतीक

Karwa Chauth 2010 | नई दुल्हनों की पहली चौथ
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नई नवेली दुल्हनों के लिए पहली करवा चौथ के व्रत को लेकर काफी आशाएँ और थोड़ी-सी घबराहट भी होती है। शादी हुए कुछ ही माह बीते होते है कि करवा चौथ का त्योहार आ जाता है। ऐसा कम ही होता है कि सारी लड़कियाँ शादी से पहले करवा चौथ का व्रत करती है। ऐसे में नई दुल्हन के लिए नया-नया ससुराल, नए रीति-रिवाज और नए माहौल में सामंजस्य बिठाते हुए करवा चौथ का व्रत करना बहुत मायने रखता है।

आज कल एकल परिवारों के ‍चलते ज्यादातर घरों में एक लड़का या एक लड़की का ही चलन रह गया है। इसर तरह हुई परवरिश के चलते यु‍वतियों को ससुराल में एडजस्ट करने में भी थोड़ी देर ही लगती है। ऐसे में जब त्योहार आता है और ज्यादा मालूमा‍त न होने के कारण युवतियाँ घबरा-सी जाती है। लेकिन घर में सास-ननंद के होते हुए परेशान होने की कोई बात नहीं है।

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स्वाति ने शादी के कभी पहले कोई व्रत नहीं किया इसलिए डर रही है कि क्या पता वह यह व्रत कर भी पाएगी या नहीं। साथ ही मन में एक अलग तरह का अहसास भी है कि अब वे किसी की पत्नी हैं और व्रत के जरिए उन्हें अपने पति के प्रति अपनी भावनाओं को दर्शाने और अपने ससुराल की परंपराओं में शामिल होने का मौका मिला है। जिसे वो बखूबी निभाना चाहती है।

स्वाति ने पर्व के लिए सारी तैयारियाँ तो पहले से ही कर ली है, लेकिन उसके पति ने कहा है कि अगर इस व्रत के दौरान कोई कमी रह भी जाती है तो वे इस मामले में उसका पूरा साथ देंगे। यह देखकर स्वाति को बहुत‍ अच्छा लग रहा था कि उनकी मंगल कामना के व्रत में पति ने भी साथ देने के वादा किया है।

करवा चौ‍थ के व्रत को लेकर अंकित भी कुछ कम खुश नहीं हैं। फरवरी में ही उनकी शादी हुई है। अंकित ने पहले ही तय कर लिया था कि नेहा के साथ वह भी करवा चौथ का व्रत रखेंगे। अंकित के अनुसार अब जमाना बदल गया है। पहले सिर्फ प‍त्नी ही पति की सलामती के लिए व्रत रखती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है... अगर पत्नियाँ पति की सलामती के लिए व्रत रख सकती हैं, तो पतियों को भी उनके प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करने में पीछे नहीं रहना चाहिए।

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हालाँकि अंकित का टूरिंग जॉब है, फिर वे चाहते हैं कि करवा चौथ पर पूरे दिन वे नेहा के साथ ही रहें और साथ-साथ ही चौथ माता से वैवाहिक जीवन की सफलता और खुशहाली के लिए कामना करें।

कुछ इसी तरह का एहसास था मयूरी का। जिसकी शादी अभी करीब छह-सा‍त महीने पहले ही हुई है। मयूरी अपने पति नमन के लिए व्रत रखेंगी। उसका कहना है कि यह व्रत करने की उसकी बहुत इच्छा थी, क्योंकि इस व्रत की भावना ही इतनी अच्छी है। चूँकि उनका संयुक्त परिवार है इसलिए पूजा की तैयारियों में ही पूरा दिन निकल जाएगा और भूख-प्यास का तो पता भी नहीं चलेगा।

इस अवसर पर पति ने भी बहुत उत्साह से करवा चौथ की सारी तैयारियाँ करवाईं। इतना ही नहीं खुद नमन भी अपनी पत्नी मयूरी के लिए व्रत रखेंगे और चाँद देखने तक दोनों एक-दूजे का साथ निभाएँगे।

करवा चौथ माता का यह त्योहार पति-पत्नी के प्यार को और करीब लाने में सहायता करता है ताकि ऐसे ही सब जोड़े एक-दूसरे के साथ हँसी-खुशी अपना जीवन भर साथ निभाएँ।