हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चैत्र पूर्णिमा शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को हनुमान जयंती है। श्री हनुमानजी के मंत्र सिद्ध करने, उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान जयंती विशेष समय है, क्योंकि इस दिन चन्द्रग्रहण भी है। ग्रहण का सूतक प्रात: 6.44 बजे से होगा, अत: पूजन इसके पहले कर लें तथा ग्रहण दोपहर 3.44 से संध्या 5.29 तक रहेगा। इसी बीच यथाशक्ति जप करें। कम से कम एक माला करें। ग्रहण के दौरान किए गए मंत्र जाप सिद्ध हो जाते हैं। मंत्र प्रयोग-
(1) विद्या प्राप्ति के लिए
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥
(2) बल, विद्या, बुद्धि, ज्ञान प्राप्त करने हेतु
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
यहां ध्यान देने की बात है कि धन नहीं मांगा गया है। बल, बुद्धि, विद्या आ जाए तो धन अपने आप ही आएगा।
(3) रोग मुक्ति के लिए
* राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥
* लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥
(4) रोग नाश के लिए
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमंत बीरा॥
(5) भूत-प्रेत, भय बाधा के लिए
भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै॥
(6) महावीर की कृपा प्राप्त करने के लिए
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥
विशेष मनोकामना सिद्धि मंत्र
(7) ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
(8) ॐ आंजनेयाय विद्महे पवनपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान प्रचोदयात्।
7 तथा 8 नंबर के मंत्रों को सिद्ध कर एक माला नित्य करने से हर कामना की पूर्ति होती है। यदि हनुमान मंदिर में हर मंगलवार को चोला चढ़ाएं तथा नैवेद्य, ध्वजा चढ़ाएं तथा मंत्र जपते रहें तो शीघ्र कामनापूर्ति होती है।
उपरोक्त मंत्रों को जपने के पश्चात एक माला हवन करें। (मंत्र के बाद स्वाहा लगाएं, यदि लगा हो तो दोबारा नहीं लगाएं)
एक विशेष प्रयोग :-
जहां राम-दरबार हो तथा हनुमानजी भी हों, वहां हनुमानजी के मस्तक का सिन्दूर सीताजी के चरणों में लगाते हुए एक सांस में अपनी कामना-प्रार्थना करें, शीघ्र पूरी होगी।