गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जानकी जयंती 2020
  4. sita agni pariksha

Janaki jayanti 2020 : अग्निपरीक्षा के बाद सीता ने त्याग दिया था घर

Janaki jayanti 2020 : अग्निपरीक्षा के बाद सीता ने त्याग दिया था घर - sita agni pariksha
सीता ने अग्निपरीक्षा दी थी या नहीं दी थी? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने अग्निपरीक्षा दी थी लेकिन राम ने सीता का त्याग नहीं किया था। जिस सीता के बिना राम एक पल भी रह नहीं सकते और जिसके लिए उन्होंने सबसे बड़ा युद्ध लड़ा उसे वे किसी व्यक्ति और समाज के कहने पर क्या छोड़ सकते हैं?
 
 
राम जब सीता को रावण के पास से छुड़वाकर अयोध्या ले आए तो उनके राज्याभिषेक के कुछ समय बाद मंत्रियों और दुर्मुख नामक एक गुप्तचर के मुंह से राम ने जाना कि प्रजाजन सीता की पवित्रता के विषय में संदिग्ध है अत: सीता और राम को लेकर अनेक मनमानी बातें बनाई जा रही हैं। उस वक्त सीता गर्भवती थीं। राम और अन्य से सीता से कहा कि समाज में बातें बनाई जा रही हैं। सभी कहते हैं कि अग्निपरीक्षा देगा पड़ेगी। माना जाता है कि समाज द्वारा संदेह किए जाने के कारण सीता ने ग्लानि, अपमान और दु:ख से विचलित होकर चिता तैयार करने की आज्ञा दी।
 
 
सीता ने यह कहा- 'यद्यपि मन, वचन और कर्म से मैंने सदैव राम को ही स्मरण किया है तथा रावण जिस शरीर को उठाकर ले गया था, वह अवश था, तब अग्निदेव मेरी रक्षा करें।' और फिर सीता माता ने जलती हुई चिता में प्रवेश किया। अग्निदेव ने प्रत्यक्ष रूप धारण करके सीता को गोद में उठाकर राम के सम्मुख प्रस्तुत करते हुए कहा कि वे हर प्रकार से पवित्र हैं। इस अग्निपरीक्षा के बाद भी जनसमुदाय में तरह-तरह की बातें बनाई जाने लगीं, तब राम के समक्ष फिर से धर्मसंकट उत्पन्न हो गया।
 
 
सीता जब गर्भवती थीं तब उन्होंने एक दिन राम से एक बार तपोवन घूमने की इच्‍छा व्यक्त की। किंतु राम ने वंश को कलंक से बचाने के लिए लक्ष्मण से कहा कि वे सीता को तपोवन में छोड़ आएं। हालांकि कुछ जगह उल्लेख है कि श्रीराम का सम्मान उनकी प्रजा के बीच बना रहे इसके लिए उन्होंने अयोध्या का महल छोड़ दिया और वन में जाकर वे वाल्मीकि आश्रम में रहने लगीं। वे गर्भवती थीं और इसी अवस्था में उन्होंने अपना घर छोड़ा था। वाल्मीकि आश्रम से सीता ने लव और कुश नामक 2 जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
 
ये भी पढ़ें
जानकी जयंती : कैसे हुई थी माता सीता की मृत्यु