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Written By अनिरुद्ध जोशी

Janaki jayanti 2020 : युद्ध में प्रकट हुईं जब 'मायावी सीता'

Janaki jayanti 2020 : युद्ध में प्रकट हुईं जब 'मायावी सीता' - Mayavi seeta
माना जाता है कि रणक्षेत्र में वानर सेना तथा राम-लक्ष्मण में भय और निराशा फैलाने के लिए रावण के पुत्र मेघनाद ने अपनी शक्ति से एक मायावी सीता की रचना की, जो सीता की भांति ही नजर आ रही थीं। मेघनाद ने उस मायावी सीता को अपने रथ के सामने बैठाकर रणक्षेत्र में घुमाना प्रारंभ किया। वानरों ने उसे सीता समझकर प्रहार नहीं किया।
 
 
बाद में मेघनाद ने मायावी सीता के बालों को पकड़कर खींचा तथा सभी के सामने उसने उसके दो टुकड़े कर दिए। यह दृश्य देखकर वानर सेना में निराशा फैल गई। सभी सोचने लगे कि जिस सीता के लिए युद्ध कर रहे हैं, वे तो मारी गई हैं। अब युद्ध करने का क्या फायदा? राम ने सीता की मृत्यु का समाचार सुना तो वे भी अचेत हो गए।
 
 
चारों ओर फैला खून देखकर सब लोग शोकाकुल हो उठे। यह देखकर मेघनाद निकुंभिला देवी के स्थान पर जाकर हवन करने लगा। जब राम की चेतना लौटी तो लक्ष्मण और हनुमान ने उन्हें अनेक प्रकार से समझाया तथा विभीषण ने कहा कि 'रावण कभी भी सीता को मारने की आज्ञा नहीं दे सकता, अत: यह निश्चय ही मेघनाद की माया का प्रदर्शन है। आप निश्चिंत रहिए।' बाद में कुछ दिन युद्ध और चला और अंतत: रावण मारा गया।