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चोर का भय दूर करने हेतु
हेतु- चोर का भय दूर होता है।
वक्त्रं क्व ते सुर-नरोरग-नेत्र हारि निःशेष-निर्जित-जगत्त्रितयोपमानम् ।
बिम्बं कलंकमलिनं क्व निशाकरस्य यद् वासरे भवति पाण्डु-पलाश-कल्पम् ॥ (13)
देव व मानव... सभी के नेत्र जहाँ स्थिर हो जाते हैं... तीन भुवन की तमाम तुलनाएँ जहाँ आकलित हैं... वैसा आपका सुंदर मुखड़ा कहाँ? और कहाँ वह दागवाला धुँधला-सा... चाँद, जो कि रात ढलते-ढलते तो पलाश के पत्ते की भाँति पीला-फीका पड़ जाता है।
ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो उज्जुमईणं ।
मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं हं स ऐं ह्राँ ह्रीं द्राँ द्रीं द्रौं द्रः मोहिनि सर्वजनवश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।
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पीपल की पूजा के पीछे क्या है लॉजिक, क्या सच में होता है भूत-प्रेत का वास या कुछ और है चमत्कार, जानिए सच्चाई
scientific reason behind peepal tree worship: भारत की संस्कृति और परंपराओं में पेड़ों को हमेशा पूजनीय स्थान मिला है। खासकर पीपल का पेड़, जिसे सनातन धर्म में दिव्यता का प्रतीक माना गया है। पीपल को 'वृक्षों का राजा' कहा जाता है और इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है। इसकी पूजा करना और उसकी परिक्रमा लगाना सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे छिपा है एक गहरा वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण, जिसे समझना आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति
shiv ji ke gun: सावन का महीना केवल मौसम का बदलाव नहीं लाता, बल्कि हमारे मन-मस्तिष्क और आत्मा के लिए भी एक विशेष ऊर्जा का संचार करता है। यह महीना भगवान शिव की उपासना और साधना का काल माना जाता है।
सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं
Sawan Ki Shubhkamnaye in Hindi: सावन का पवित्र महीना, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, एक बार फिर हमारे जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रकृति की अनुपम छटा लेकर आ गया है। यह वह समय है जब चारों ओर हरियाली छा जाती है, रिमझिम फुहारें मन को शीतलता प्रदान करती हैं, और शिव भक्ति का एक अद्भुत वातावरण निर्मित होता है। इस पूरे माह भक्तजन भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, सावन में भगवान शिव पृथ्वी पर आकर भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। यह केवल एक धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि एक ऐसा विश्वास है जो करोड़ों लोगों को महादेव से जुड़ने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर देता है। सावन के इस पवित्र महीने के लिए यहां हम भक्ति से सराबोर सन्देश दे रहे हैं जिन्हें आप अपने मित्रों और स्वजनों को भेज सकते हैं:
क्या सितंबर में मोदी जी छो़ड़ने वाले हैं पद, यदि ऐसा है तो फिर कौन बनेगा नया पीएम?
Narendra modi kundli chart: 17 सितंबर 2025 को नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के नियम के अनुसार 75 के बाद व्यक्ति को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए जैसा कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए। भागवत ने कहा, 'जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो समझिए कि दूसरों का मौका देने का समय आ गया है। आपको किनारे हो जाना चाहिए। तो क्या सच में पीएम मोदी रिटायर होने वाले हैं यदि ऐसा है तो कौन बनेगा अगला पीएम, किसके सितारे हैं बुलंदी पर? अधिकतर ज्योतिष यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि देश में ऐसे हालात निर्मित होंगे कि नरेंद्र मोदी को अपना पद त्यागना पड़ेगा। तब वे अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी को सत्ता सौंपकर खुद मार्गदर्शक मंडल में रहेंगे। क्या यह सच है?
विश्व का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात शयन के लिए आते हैं भोलेनाथ और माता पार्वती, साथ खेलते हैं चौपड़
mystery of omkareshwar jyotirlinga: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर, भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी एक ऐसी अलौकिक मान्यता भी है, जो भक्तों को विस्मित कर देती है। कहा जाता है कि इस पावन धाम में हर रात स्वयं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती शयन के लिए आते हैं, और सोने से पहले वे चौपड़ का खेल भी खेलते हैं। यह मान्यता सदियों से चली आ रही है और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है।
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धर्म संसार
गुरु की राशि में शनि की वक्री चाल, 5 राशियों का बुरा हाल, 4 को होगा लाभ, 3 का मिश्रित परिणाम
shani ki vakri chal ka prabhav 2025: 13 जुलाई 2025 को रविवार सुबह 09:36 पर शनि मीन राशि में वक्री हो गए हैं। शनि देव यहां पर 28 नवंबर 2025 को सुबह 09:20 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। वक्री शनि का 12 राशियों में से 4 पर बुरा, 4 पर मिश्रित और 4 पर अच्छा प्रभाव रहेगा। जानिए कि आपकी कौनसी राशि है।
मधुमेह रोगियों को सावन व्रत में क्या खाना चाहिए, जानें डायबिटिक व्रत भोजन की सूची और 6 खास बातें
Shiva month diet guide: शरीर में जब रक्त शर्करा/ ब्लड शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, उसे डायबिटिक पेशंट के रूप में जाना जाता है। जिसका हिंदी में मतलब मधुमेह या डायबिटीज रोगी होता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। यदि आप सावन में व्रत रख रहे हैं और आप डायबिटिक हैं तो यहां जान लीजिए व्रत-उपवास के भोजन की सूची...
अद्भुत संयोग गणेश चतुर्थी पर सावन का सोमवार व्रत, करें ये 3 अचूक उपाय
Sankashti Chaturthi July 2025: वर्ष 2025 में इस बार गणेश चतुर्थी पर सावन सोमवार का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस बार श्रावण के प्रथम सोमवार के दिन सावन संकष्टी गणेश चतुर्थी का अद्भुत संयोग बनने से भगवान भोलेनाथ और श्री गणेश की पूजा का दिन एकसाथ आ पड़ा है। इसी कारण आज के दिन पिता-पुत्र के इस खास पूजन के शुभ संयोग के चलते ये 3 अचूक उपाय आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
कालकूट विष के प्रभाव से बचने के लिए शिवजी ने 60,000 वर्षों तक यहां की थी तपस्या, जानिए इस चमत्कारी मंदिर का रहस्य
neelkanth mahadev mandir: भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय निकले कालकूट विष को ग्रहण कर लिया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और तभी से वे "नीलकंठ" कहलाए। हालांकि, बहुत कम लोग यह जानते हैं कि उन्होंने यह विष कहां पर ग्रहण किया था और वह स्थान आज किस स्थिति में है। आइए, आपको उस रहस्यमय स्थान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
त्रिसंध्या क्या होती है, कैसे करते हैं इसे?
trikal sandhya kya hai: संध्या का अर्थ है मिलन या संधि काल, जो दिन और रात के मिलन बिंदु को दर्शाता है। यानि जहां पर दिन और रात मिलते हैं वह समय और जहां पर दिन और दोपहर मिलते हैं वह समय संध्या का होता है। इस प्रकार यदि सूक्ष्म रूप से देखें तो 24 घंटे में ऐसा आठ बार होता है जिसे अष्ट प्रहर कहते हैं। इस अष्ट प्रहर में से उषाकाल, मध्यांन्ह काल और संध्या का को ही त्रिसंध्या कहते हैं। त्रिसंध्या को त्रिकाल संध्या या संध्योपासन भी कहते हैं। त्रिकाल का अर्थ है तीन समय- सुबह, दोपहर, और शाम।