शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025
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Written By WD

अस्तेयव्रत के अतिचार

अस्तेयव्रत के अतिचार -
स्तेनप्रयोग- किसी को चोरी के लिए उकसाना, दूसरे आदमी द्वारा उकसाना। चोरी के काम में सम्मति देना।

स्तेन-आहृतादान- निजी प्रेरणा के बिना, निजी सम्मति के बिना चोरी के माल को ले लेना।

विरुद्ध राज्य का अतिक्रम- राज्यों के आयात-निर्यात के नियमों का, चीजों पर लगी उनकी कर-व्यवस्था के नियमों का उल्लंघन करना।

हीनाधिक मानोन्मान- नाप, बाँट, तराजू में कमी-बेशी करके पूरा माल न देना।

प्रतिरूपक व्यवहार- असली के बदले नकली या बनावटी माल बेचना।