बुधवार, 23 अप्रैल 2025
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Written By
अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
जैन तीर्थंकरों के प्रतीक
24 तीर्थंकरों का परिचय
ND
ND
जैन धर्म के चैबीस तीर्थंकरों की मूर्तियों पर पाए जाने वाले चिह्न, चैत्यवृक्ष, यक्ष और यक्षिणी की क्रमवार सूची।
(1)
ऋषभना
थ
चिह्न- बैल, चैत्यवृक्ष- न्यग्रोध, यक्ष- गोवदनल, यक्षिणी- चक्रेश्वरी।
(2)
अजितना
थ
चिह्न- गज, चैत्यवृक्ष- सप्तपर्ण, यक्ष- महायक्ष, यक्षिणी- रोहिणी।
(3)
संभवना
थ
चिह्न- अश्व, चैत्यवृक्ष- शाल, यक्ष- त्रिमुख, यक्षिणी- प्रज्ञप्ति।
(4)
अभिनंदनना
थ
चिह्न- बंदर, चैत्यवृक्ष- सरल, यक्ष- यक्षेश्वर, यक्षिणी- व्रजश्रृंखला।
(5)
सुमतिना
थ
चिह्न- चकवा, चैत्यवृक्ष- प्रियंगु, यक्ष- तुम्बुरव, यक्षिणी- वज्रांकुशा।
(6)
पद्यप्रभ
ु
चिह्न- कमल, चैत्यवृक्ष- प्रियंगु, यक्ष- मातंग, यक्षिणी- अप्रति चक्रेश्वरी।
(7)
सुपार्श्वना
थ
चिह्न- नंद्यावर्त, चैत्यवृक्ष- शिरीष, यक्ष- विजय, यक्षिणी- पुरुषदत्ता।
(8)
चंद्रप्रभ
ु
चिह्न- अर्द्धचंद्र, चैत्यवृक्ष- नागवृक्ष, यक्ष- अजित, यक्षिणी- मनोवेगा।
(9)
पुष्पदं
त
चिह्न- मकर, चैत्यवृक्ष- अक्ष (बहेड़ा), यक्ष- ब्रह्मा, यक्षिणी- काली।
(10)
शीतलना
थ
चिह्न- स्वस्तिक, चैत्यवृक्ष- धूलि (मालिवृक्ष), यक्ष- ब्रह्मेश्वर, यक्षिणी- ज्वालामालिनी।
(11)
श्रेयांसना
थ
चिह्न- गेंडा, चैत्यवृक्ष- पलाश, यक्ष- कुमार, यक्षिणी- महाकाली।
(12)
वासुपूज्
य
चिह्न- भैंसा, चैत्यवृक्ष- तेंदू, यक्ष- षणमुख, यक्षिणी- गौरी।
(13)
विमलना
थ
चिह्न- शूकर, चैत्यवृक्ष- पाटल, यक्ष- पाताल, यक्षिणी- गांधारी।
(14)
अनंतना
थ
चिह्न- सेही, चैत्यवृक्ष- पीपल, यक्ष- किन्नर, यक्षिणी- वैरोटी।
(15)
धर्मना
थ
चिह्न- वज्र, चैत्यवृक्ष- दधिपर्ण, यक्ष- किंपुरुष, यक्षिणी- सोलसा।
(16)
शांतिना
थ
चिह्न- हरिण, नंदी, यक्ष- गरुढ़, यक्षिणी- अनंतमती।
(17)
कुंथुना
थ
चिह्न- छाग, चैत्यवृक्ष- तिलक, यक्ष- गंधर्व, यक्षिणी- मानसी।
(18)
अरहना
थ
चिह्न- तगरकुसुम (मत्स्य), चैत्यवृक्ष- आम्र, यक्ष- कुबेर, यक्षिणी- महामानसी।
(19)
मल्लिना
थ
चिह्न- कलश, चैत्यवृक्ष- कंकेली (अशोक), यक्ष- वरुण, यक्षिणी- जया।
(20)
मुनिंसुव्रतना
थ
चिह्न- कूर्म, चैत्यवृक्ष- चंपक, यक्ष- भृकुटि, यक्षिणी- विजया।
(21)
नमिना
थ
चिह्न- उत्पल, चैत्यवृक्ष- बकुल, यक्ष- गोमेध, यक्षिणी- अपराजिता।
(22)
नेमिना
थ
चिह्न- शंख, चैत्यवृक्ष- मेषश्रृंग, यक्ष- पार्श्व, यक्षिणी- बहुरूपिणी।
(23)
पार्श्वना
थ
चिह्न- सर्प, चैत्यवृक्ष- धव, यक्ष- मातंग, यक्षिणी- कुष्माडी।
(24)
महावी
र
चिह्न- सिंह, चैत्यवृक्ष- शाल, यक्ष- गुह्मक, यक्षिणी- पद्मा सिद्धायिनी।
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बुद्ध जयंती कब है, गौतम सिद्धार्थ नेपाली थे या भारतीय?
वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन सिद्धार्थ यानी भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। अधिकांश इतिहासकारों ने बुद्ध के जीवनकाल को 563-483 ई.पू. के मध्य माना है। बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था और उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में उन्होंने देह का त्याग कर दिया था। 12 मई 2025 सोमवार के दिन बुद्ध पूर्णिमा रहेगी। आओ जानते हैं कि गौतम बुद्ध भारतीय थे या नेपाली।
अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना
Amarnath Yatra 2025: समूचा हिमालय शिव शंकर का स्थान है और उनके सभी स्थानों पर पहुंचना बहुत ही कठिन होता है। चाहे वह अमरनाथ हो, श्रीखंड महादेव, केदानाथ हो या कैलाश मानसरोवर। इस बार अमरनाथ यात्रा सिर्फ 39 दिनों की होगी। यह 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त तक चलेगी। 14 अप्रैल 2025 से इसका रजिस्ट्रेशन प्रारंभ हो चला है। अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 2 रास्ते हैं- एक पहलगाम होकर जाता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से जाता है। यानी देशभर के किसी भी क्षेत्र से पहले पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है। इसके बाद की यात्रा पैदल की जाती है। अमरनाथ की यात्रा बहुत कठिन होती है। इस दौरान भक्त को 5 तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
लाल किताब के अनुसार किस्मत का ताला खोलने के क्या है अचूक उपाय
Lal Kitab remedies to awaken luck: यदि आपको लगता है कि आपका भाग्य आपको साथ नहीं दे रहा है या कर्म करने के बाद भी कर्म का फल नहीं मिल रहा है तो लाल किताब के अचूक उपाय आजमा करके अपनी किस्मत का ताला खोल सकते हैं। इसके बाद आप हर कार्य से सफलता अर्जित करेंगे और आपका सोया हुआ भाग्य जागृत रहेगा।
गोल्ड पहन रखा है तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें कि इसके क्या है नुकसान और सावधानियां
gold sona pahnane ke nuksan adn fayade: लाल किताब ज्योतिष के अनुसार सोना आपना भाग्य चमका भी सकता है और बर्बाद भी कर सकता है। अत: इसे सोच समझकर पहनना चाहिए। इसके लिए पहले आप अपनी कुंडली की जांच करें और फिर ही सोना या गोल्ड पहनें। लाल किताब के अनुसार सोने को बृहस्पति ग्रह का कारक माना जाता है। सोना धारण करने के भी ज्योतिष के अनुसार कुछ नियम होते हैं। किसे गोल्ड धारण करना चाहिए और किसे नहीं। सोना अंगुली में, कलाई में या गले में धारण करने से क्या होगा। नाक में सोना पहनना चाहिए या नहीं और सोना पहने के क्या नुकसान और फायदे हैं? अत: सोना धारण करना है या नहीं यह किसी जानकार ज्योतिष से पूछकर ही धारण करना चाहिए। जानिए सोना धारण करने पर एक ज्योतिष विश्लेषण।
जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थित नीलचक्र और ध्वज का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे
Neelachakra and Dhwaja : ओडिशा राज्य के पुरी में स्थिथ विशालकाय जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थापित नीलचक्र और उसके ऊपर लहराता भगवान जगन्नाथ का ध्वज किसी आश्चर्य से कम नहीं है। इन दोनों के बारे में जानकर आप भी आश्चर्य करेंगे। मंदिर के पास खड़े रहकर इसका गुंबद देख पाना असंभव है। मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य ही रहती है। ध्वज के पास नीलचक्र लगा है ध्वज विशालकाय नीलचक्र के ऊपर तक लहराता है। इसे सुदर्शन चक्र भी कहते हैं। आओ जानते हैं इसके रहस्य को।
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23 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन
23 April Happy Birthday: जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 23 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी...
23 अप्रैल 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त
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मई 2025 में होगा 6 ग्रहों का गोचर, 3 ग्रहों से होगा बड़ा बदलाव
may grah gochar 2025: मई माह 2025 में कुल 6 ग्रहों का गोचर होने वाला है। इसमें से 2 ग्रह बृहस्पति, राहु और केतु का गोचर बड़ा बदलाव लाएगा। इन ग्रह गोचर यानी राशि परिवर्तन के चलते जहां देश और दुनिया के मौसम, जलवायु और राजनीतिक स्थिति पर पड़ेगा वहीं राशियों पर भी इनका असर स्पष्ट देखा जा सकता है। आओ जानते हैं ग्रहों के राशि परिवर्तन के समय और प्रभाव को।
पहलगाम पहला पड़ाव, इस जगह के इतिहास और खास स्थलों को जानकर चौंक जाएंगे
Pahalgam:जम्मू और कश्मीर में से कश्मीर में स्थित है पहलगाम। यदि आप अमरनाथ या पंचतरणी जा रहे हैं तो पहले आपको पहलगाम जाना होगा। यहीं से अमरनाथ की यात्रा प्रारंभ होती है। यह स्थान बहुत प्राचीन है। इससे सिल्करूट का एक पड़ाव माना जाता रहा है। आपको इस जगह के बारे में जानकर आश्चर्य होगा। आओ जानते हैं इस जगह के बारे में।
सत्य साईं महाप्रयाण दिवस, जानें जीवन परिचय और उनके चमत्कार के बारे में
Sathya Sai Baba Mahasamadhi Diwas: सत्य साईं बाबा अपने प्रेम, सेवा और मानव मूल्यों की शिक्षाओं के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनका महाप्रयाण दिवस उनके भक्तों के लिए उनकी शिक्षाओं को याद करने और उनका अनुसरण करने का दिन है। आइए जानते हैं उनके बारे में....