Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) ,
शनिवार, 9 जून 2007 (14:20 IST)
बिजली बचत परियोजना की घोषणा
शीर्ष कम्प्यूटर उत्पादक कंपनी आईबीएम ने गुरुवार को भारत में प्रोजेक्ट बिग ग्रीन नाम से एक परियोजना शुरू की।
इसके तहत कंपनी ने खुद के एवं ग्राहकों के लिए नई उत्पाद एवं सेवाएँ पेश की जिससे डेटा सेंटर में बिजली की खपत आधी हो जाएगी और पाँच अरब किलोवाट घंटे बिजली की बचत होगी।
आईबीएम के कंट्री मैनेजर ज्योति सत्यनाथन ने कहा कि इन उत्पादों एवं सेवाओं से बिजली का संकट झेल रहे भारत को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आईबीएम सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बिजली की बचत करने के लिए प्रतिवर्ष अपने संसाधनों से एक अरब डॉलर की राशि खर्च करेगी। प्रोजेक्ट बिग ग्रीन के तहत किए जा रहे इन प्रयासों से ग्राहकों को बिजली की बचत करने में मदद मिलेगी और ऊर्जा संकट का एक सामाजिक समाधान निकलेगा।
उन्होंने कहा कि एशिया प्रशांत के आईटी क्षेत्र में बिजली पर खर्च 2010 तक 52 फीसदी बढ़कर 162.5 अरब डॉलर हो जाएगा। सत्यनाथन ने कहा कि 25 हजार वर्गफुट के डेटा सेंटर में वार्षिक बिजली की लागत 26 लाख डॉलर होती है और नए प्रयास किए जाने के बाद यह लागत आधी हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि नए प्रयासों की बदौलत उपकरणों से निकलने वाले उत्सर्जन से पर्यावरण को होने वाला नुकसान आधा हो जाएगा और यह 1300 वाहनों द्वारा किए गए प्रदूषण के बराबर होगा।
आईबीएम के उपाध्यक्ष साइट एवं सुविधा सेवा स्टीवन सैम्स ने बताया कि विश्वभर की कंपनियों के आईटी उपकरण सालाना 100 अरब किलोवाट बिजली की खपत कर रहे हैं और 2007 में डेटा सेंटर 10 अरब डॉलर खर्च करेंगे और आईडीसी के अनुमान के मुताबिक डेटा सेंटरों में ऊर्जा और प्रशीतन का खर्च हार्डवेयर उत्पादों की तुलना में आठ गुणा बढ़ेगा।