आईटी और बीपीओ क्षेत्र की तेज रफ्तार
पिछले दो वर्षों के दौरान 35 फीसदी वार्षिक वृद्धि हासिल करने वाले देश के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) कारोबार में कम से कम अगले 4 वर्षों तक 30 फीसदी अधिक की सालाना बढोत्तरी होने की उम्मीद है। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम ने अपने एक ताजा अध्ययन में यह राय व्यक्त की है। एसोचैम ने एक बयान में कहा कि आउटसोर्सिंग एक आजमाया हुआ फार्मूला है, जिससे टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी भारतीय कंपनियों के साथ-साथ मध्यम श्रेणी की कंपनियों ने भी इस क्षेत्र की विदेशी कंपनियों के मुकाबले अधिक तेजी से विकास किया है। इससे आईटी तथा बीपीओ क्षेत्र की भारतीय कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ रही है1 इस अध्ययन को जारी करते हुए एसोचैम के अध्यक्ष वीएन धूत ने कहा कि बीते सालों में भारतीय आईटी और बीपीओ कंपनियों ने बेहतरीन सेवाएँ दी हैं।भारतीय आईटी तथा बीपीओ उद्योग के प्रति इस सकारात्मक रूझान को देखते हुए निजी इक्विटी तथा वैंचर कैपिटल निवेशक इन कंपनियों में निवेश कर रहे हैं।धूत ने बताया कि बड़ी कंपनियों में निवेश करने के साथ ही निवेशक फ्लैक्सोट्रानिक्स साफ्टवेयर सिस्टम, जियोमैट्रिक साफ्टवेयर, एप्पलैब्स, क्वात्रो जैसी मझोली स्तर की कंपनियों में भी निवेश कर रहे हैं।