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Last Modified: सोमवार, 6 मार्च 2023 (07:48 IST)

अनुमान से पहले ही शुरू हो गए हैं ChatGPT के Side Effects

अनुमान से पहले ही शुरू हो गए हैं ChatGPT के Side Effects - Side effects of ChatGPT have started earlier than expected
-अदिति गहलोत
कई टेक डेवलपर्स और तक‍नीकी क्षेत्र में काम कर रहे एक्सपर्ट्स ने ChatGPT के आने से भविष्य में मनुष्यों की जगह लेने की आशंका‍एं जताई थीं। लेकिन यह इतनी जल्द देखने को मिलेगा, इसका अनुमान किसी ने भी नहीं लगाया होगा।  
 
हाल ही में रेज्यूम बनाने वाली करियर साइट, Resume Builder के सर्वे में यह सामने आया है कि अमेरिका की 1000 में से 500 कंपनियों ने ChatGPT AI चैटबॉट का रोजाना इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसी के चलते कुछ कंपनियों को उनके एम्पलॉइज को नौकरी से निकालना पड़ा या फिर उन्हें दूसरे काम में लगाना पड़ा। 
 
यह सर्वे 27 फरवरी को प्रकाशित‍ किया गया था, जिसमें 48 प्रतिशत कंपनियों ने जवाब दिया कि उन्होंने एम्पलॉइज को ChatGPT से रिप्लेस कर ‍दिया है। कंपनियों का दावा है कि ऐसा करने से उनके काफी पैसे बच रहे हैं। अब कंपनियां ह्यूमन रिसोर्स को कम कर, मशीनों के इस्तेमाल को बढ़ाकर और भी तेजी से काम करना चाहती हैं। 
 
रिपोर्ट्स के मु‍ताबिक पता चला कि जिन अमेरिकी कंपनियों पर सर्वे किया गया, उनमें से 50 फीसदी कंपनियों ने ChatGPT का किसी ना किसी ‍तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। चिंताजनक बात है कि इस नई टेक्नोलॉजी के आने की वजह से निचले लेवल पर काम करने वाले एम्पलॉइज को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। लेकिन ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो टेक्नोलॉजी के एड्वांसमेंट्स पारंपरिक तौर से चलती आ रही नौकरियों की जगह ले लेते हैं। 
 
हालांकि कुछ क्षेत्रों में मनुष्य द्वारा डॉटा को संक्षेप में करने, डॉक्यूमेंट्‍स की फेक्चुअल जानका‍रियों को कंपेयर कर उसका चार्ट बनाने जैसे आदि कामों में काफी लंबा समय लग जाता है, उन क्षेत्रों में ChatGPT का इस्तेमाल समय की बचत को बढ़ाता है और टाइम पर काम हो जाते हैं। 
 
गौर करने वाली बात है कि ChatGPT अभी भी उसकी डेवलपिंग स्टेज में ही है। इस एआई चौटबॉट पर पूरी तरह से निर्भर नहीं‍ रहा जा सकता। यह चैटबॉट इंटरनेट पर उपल‍ब्ध जानकारी को अपना आधार बनाकर रिपोर्ट्स लिखता है। यह बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है क्योंकि हम एक इन्फॉरमेशन युग में जी रहे हैं, जहां झूठी और सच्ची खबरों में अंतर कर पाना मुश्किल है। इसलिए सावधानियां बरतना भी बहुत जरूरी है। 
 
यह सच है कि ChatGPT के आने से कई पारं‍परिक नौकरियां खतरे में हैं। यदि इस टेक्नोलॉजी के बारे में खुद को शिक्षित किया जाए और टेक्नोलॉजिकल चेंजेस के साथ कदम से कदम मिलाएं जाएं तो आधुनिक स्किल्स सीखी जा सकती हैं। 
 
Resume Builder के चीफ एडवाइजर Stacie Haller ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए बताया कि लगभग 90 प्रतिशत से भी ज्यादा कंपनियों के लीडर्स ऐसे कैंडीडेट्‍स की तलाश में हैं, जिन्हें AI और चैटबॉट्स को इस्तेमाल करने का कुछ हद तक अनुभव है। जॉब ढूंढने वालों को इस तकनीक के साथ तालमेल बैठाकर चलने की जरूरत है। जैसे-जैसे तकनीकी क्षेत्र में विकास होगा, वैसे ही इन बदलती परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना होगा। 
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