भविष्य में हमें इंटरनेट को लेकर बदलाव भी देखने को मिलेंगे-
बढ़ेंगी कीमतें भी : इंटरनेट की कीमत को लेकर मतभेद हैं। जहां कुछ लोग मानते हैं कि इसकी कीमत में विशेष फर्क नहीं पड़ेगा वहीं कुछ लोगों का मानना यह भी है कि इसकी पहुंच बढ़ाने और मेंटेनेंस में होने वाले खर्च के चलते कीमत बढ़ सकती है, वहीं नेट न्यूट्रैलिटी का अटका हुआ मामला भी इसकी कीमत निर्धारण में भूमिका निभाएगा। हालांकि निकट भविष्य में इसके मुफ्त होने की संभावना नजर नहीं आती और यह भी आईपीएस की आमदनी बढ़ाने का जरिए बन सकता है।
बढ़ेगी स्पीड भी : इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। भारत में 4जी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं और अब 5जी सेवाओं की तैयारी की जा रही है। वहीं ब्रॉडबैंड में अभी दुनियाभर की औसत इंटरनेट स्पीड 3.9 Mbps है। माना जा रहा है कि वर्ष 2025 तक यह स्पीड मेगाबाइट (MB) से गीगाबाइट (GB) तक पहुंच जाएगी। हालांकि प्रयोगशालाओं में तो स्पीट टेराबाइट तक हासिल की जा चुकी है लेकिन ऐसा सार्वजनिक उपयोग के लिए संभव नहीं हो सका है।
नई तकनीकों की शुरुआत : इंटरनेट से जुड़ी कई तरह की तकनीकें विकसित की जा रही हैं जो उपयोग, पहुंच और स्पीड बढ़ाने से जुड़ी हुई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वर्ष 2025 तक इंटरनेट मूलभूत सुविधा बन जाएगा। एमआईटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार इंटरनेट वैसे ही हमारी जिंदगी में शामिल हो जाएगा जैसे बिजली हो चुकी है और एक अनिवार्य जरूरत बन जाएगा। >
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