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Last Modified: सोमवार, 4 जून 2018 (16:57 IST)

‘94 फीसदी IT ग्रेजुएट नौकरी के काबिल नहीं’

‘94 फीसदी IT ग्रेजुएट नौकरी के काबिल नहीं’ - 94 of it grads not fit for hiring tech mahindras cp gurnani
देश की जानी-मानी आईटी कंपनी टेक महिंद्रा के CEO सी पी गुरनानी का कहना है कि भारत के 94 फीसदी आईटी ग्रेजुएट शीर्ष आईटी कंपनियों में काम करने के काबिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय आईटी इंडस्ट्री को स्किल की जरूरत है।
 
 
एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में देश के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट में स्किल की कमी का कारण बताते हुए सी पी गुरनानी ने एक उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में छात्र 60 प्रतिशत अंक लाने पर बीए-अंग्रेजी की पढ़ाई नहीं कर सकता है, लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग में दाखिला जरूर मिल सकता है। इस तरह क्या हम बेरोजगार लोग पैदा नहीं कर रहे हैं?
 
गुरनानी ने कहा कि नासकॉम को साइबर सिक्योरिटी के लिए 2022 तक 60 लाख लोगों की जरूरत है, लेकिन हमारे पास स्किल्स की कमी है। अगर हमें रोबोटिक्स व्यक्ति की तलाश है, लेकिन इसके बजाय हमें मेनफ्रेम का व्यक्ति मिलता है, तो इससे एक स्किल गैप बनता है, जो एक बड़ी चुनौती है।
 
आपको बता दें कि गुरनानी टेक महिंद्रा में अगले स्तर के विकास की नींव रखने जा रहे हैं। वे अपनी कंपनी को मैनपावर स्किलिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सिक्यॉरिटी, मशीन लर्निंग जैसी नई टेक्नोलॉजी में रू-ब-रू करवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने टेक महिंद्रा में पांच एकड़ का टेक और लर्निंग सेंटर बनाया है। दूसरी शीर्ष कंपनियों ने भी कर्मचारियों की स्किल के लिए इस तरह की सुविधाएं बनाई हैं।
 
गुरनानी ने बताया कि पहले प्रत्येक मिलियन डॉलर की आमदनी के लिए 20 लोगों को काम पर रखा जाता था। लेकिन, अब यह समीकरण बदलता जा रहा है क्योंकि प्रोडक्टिविटी, ऑटोमेशन और उपकरणों में बढ़ोतरी हो रही है। अब उतने ही मिलियन डॉलर की आय पर 15 लोगों को ही नौकरी पर रखा जाता है। साफ है कि अब इंडस्ट्री को 25 प्रतिशत कम लोगों की जरूरत पड़ती है।
 
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