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Written By ND

बाजार में आईटी पेशेवरों की भारी कमी

बाजार में आईटी पेशेवरों की भारी कमी -
भारत के घरेलू सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) बाजार में पेशेवरों की भारी कमी है। पेशेवरों की कमी और स्थानीय सेवा प्रदाता कंपनियों से दूसरे दर्जे का बर्ताव झेल रही भारतीय कंपनियों को हाई एंड आईटी सेवाएँ प्राप्त करने के लिए विदेशों से आउटसोर्सिंग का विकल्प अपनाना चाहिए।

विश्व की शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी अनुसंधान और सलाहकार संबंधी सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी गार्टनर इंक की उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध आईटी विश्लेषक लिंडा कोहेन ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक स्तर के आईटी पेशेवरों की भारी कमी है। भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कार्यक्रम, भारतीय अपतटीय सेवा प्रदाता कंपनियों और देश में हो रहे तीव्र आर्थिक विकास के कारण बढ़ रही पेशेवरों की माँग की वजह से यह समस्या और गंभीर हो गई है।

कोहेन ने कहा कि घरेलू मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) स्थानीय आईटी संसाधनों की कमी को पूरा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय सेवा प्रदाता स्थानीय बाजार को विशेष महत्व नहीं दे रहे हैं तथा भारतीय ग्राहकों को गुणवत्तायुक्त संसाधन उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।

भारतीय सेवा प्रदाता कंपनियाँ अपने श्रेष्ठ संसाधन डॉलर में अदायगी करने वाले अपने वैश्विक ग्राहकों को उपलब्ध कराती है। गार्टनर द्वारा हाल ही में विश्व भर के 1400 मुख्य सूचना अधिकारियों के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में आईटी का बजट 16.19 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रहा है, जबकि विश्व की औसत वृद्धि 3.16 प्रतिशत है।

गार्टनर का अनुमान है कि भारतीय कंपनियाँ भी अपनी हाई एंड सेवाओं की आउटसोर्सिंग करना शुरू कर देंगी। गार्टनर के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक अरूप राय के अनुसार धीरे-धीरे भारतीय कंपनियाँ अपने पड़ोसी देशों सिंगापुर और हाँगकाँग में अपनी आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग शुरू कर देंगी और इसका प्रचलन प्रारंभ हो चुका है। भारतीय दूतावास ने अपने वीजा संग्रहण और डिलीवरी सेवा को एक अमेरिकी कंपनी को सौंप दिया है।