• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. आईटी
  4. »
  5. लर्निंग जोन
Written By ND

छल रहे हैं कंप्यूटर छाप ज्योतिषी

आईटी
- राजीव शर्मा
ND
ND
कंप्यूटर व तकनीक ने भले ही ज्योतिष की गणनाओं को आसान बना दिया हो लेकिन बाजार व इंटरनेट पर उपलब्ध ज्योतिष के तमाम खरे-खोटे सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम और वेबसाइट वगैरह ने नीम हकीमों की तरह ऐसे झोला छाप 'ज्योतिषियों' को पैदा कर दिया है जिन्हें पंचांग पढ़ने तक की समझ नहीं है।

अपने अधकचरे ज्ञान के सहारे ज्योतिष की 'दुकान' चलाने वालों ने हमारी इस प्राचीन विद्या को बदनामी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे लोगों की अज्ञानता व लालच में फँसकर अपनी मेहनत की कमाई लुटाने वालों को जब ज्योतिष के बदले धोखा मिलता है, तो उनकी नजरों में यह पूरी विद्या ही संदेह के घेरे में आ जाती है।

ऐसे में सच्चे ज्योतिषियों को भी शक की नजरों से देखा जाने लगता है। अनाड़ियों के हाथों में पड़कर ज्योतिष मजाक बनकर रह गया है। आज के इस चलन ने ज्योतिष को बहुत बदनाम कर दिया है। ये लोग अपना 'अर्थ' तो देखते हैं, पर ज्योतिष का 'अनर्थ' नहीं देखते।

ज्योतिष में दिन, समय, लग्न, मुहूर्त, स्थान, अक्षांश, देशांतर आदि का ध्यान रखना पड़ता है। यदि इनमें या इनकी गणना में जरा भी कमी रह जाए, तो इसका परिणाम भी गलत ही होगा। इस क्षेत्र से जुड़े लोग खुद बताते हैं कि कंप्यूटर से ज्योतिष का काम बहुत आसान हो जाता है। इससे सही गणना हो जाती है और बहुत लाभ मिलता है लेकिन इस पर पूरी तरह से यकीन नहीं किया जा सकता है।

इसमें सॉफ्टवेयर तो बहुत से हैं, पर उनमें कहीं न कहीं कमी है जिससे कई बार कंप्यूटर के परिणामों में भयंकर गलती हो जाती है।
इसके अलावा, जितने भी सॉफ्टवेयर बाजार में हैं उनमें से 'फलित' में कोई भी ठीक नहीं है। फलित के लिए ऐसा कोई भी सॉफ्टवेयर नहीं है जिस पर भरोसा किया जा सके।

आम लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती इसलिए वे इस बात पर ध्यान नहीं देते कि कुंडली वगैरह में कहाँ क्या गलती हो रही है। पता तो तब चलता है जब भविष्यवाणियाँ बेकार सिद्ध होती हैं। फिर भले ही इससे ज्योतिष के प्रति लोगों के भरोसे की धज्जियाँ उड़ती हों।

क्या कहते हैं ज्योतिष विद्वा

अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के महासचिव कृष्णदत्त का कहना है कि ज्योतिष के प्रारंभिक ग्रंथों का अध्ययन किए बिना ये कंप्यूटर ज्योतिषी अपने ज्ञान से समाज को गुमराह कर रहे हैं। ज्योतिष गणित का विषय है इसका ज्ञान किए बिना ज्योतिष का फलित भी नहीं हो सकता।

ज्योतिष-विज्ञान का जो उपहास हो रहा है, कारण अल्पज्ञानी ज्योतिषी हैं। गणित के बाद फलादेश ज्योतिष का महत्व प्रकट करता है। लग्न से लेकर द्वादश भाव के स्वामियों की दशा में क्या-क्या फल होता है, ज्योतिषी यह नहीं बता पाते।