राजस्थान को हराकर चेन्नई शीर्ष पर
अपने गेंदबाजों के अच्छे प्रदर्शन के बाद एस बद्रीनाथ (नाबाद 59) और मैथ्यू हेडन (48) की बेहतरीन पारियों की बदौलत चेन्नई सुपर किंग्स ने शनिवार को राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग की अंकतालिका में शीर्ष स्थान पर फिर कब्जा कर लिया।जीत के लिए 141 रन का लक्ष्य ऑरेंज कैपधारी हेडन और बद्रीनाथ के मौजूदा फार्म के आगे छोटा रहा। चेन्नई ने सिर्फ तीन विकेट खोकर दस गेंद शेष रहते जीत हासिल कर ली। बद्रीनाथ 41 गेंद में नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 59 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि हेडन ने 44 गेंद में चार चौकों और एक छक्के की मदद से 48 रन बनाए।इस जीत के बाद चेन्नई के दस मैचों में 13 अंक है और वह दिल्ली डेयरडेविल्स (आठ मैचों में 12 अंक) को पछाड़कर फिर शीर्ष पर पहुँच गई है। वहीं राजस्थान रॉयल्स दस मैचों में 11 अंक के साथ तीसरे स्थान पर ही बना हुआ है। चेन्नई की शुरुआत अच्छी नहीं रही और तीसरे ही ओवर में मुरली विजय (10) को पगबाधा आउट करके सिद्धार्थ त्रिवेदी ने उसे पहला झटका दिया। शानदार फार्म में चल रहे सुरेश रैना भी 13 रन बनाकर छठे ओवर में अपना विकेट गँवा बैठे। अमितसिंह की गेंद पर ली कार्सेलडाइन ने उनका कैच लपका।इसके बाद हेडन और बद्रीनाथ ने तीसरे विकेट के लिए 89 रन की साझेदारी करके चेन्नई की जीत की नींव रखी। इस साझेदारी को शेन वॉर्न ने 17वें ओवर में तोड़ा, लेकिन तब तक चेन्नई की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ लग रही थी। वॉर्न की वाइड जाती गेंद को आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में हेडन क्रीज से काफी आगे निकल गए और नमन ओझा ने उन्हें स्टंप आउट कर दिया। बद्रीनाथ ने बाद में टीम को जीत तक पहुँचाया।इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने गत चैम्पियन राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट पर 140 रन के स्कोर पर रोक दिया। चेन्नई के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने अपने गेंदबाजों का बड़ी चतुराई से इस्तेमाल किया और रॉयल्स के विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे।ग्रीम स्मिथ (30), स्वप्निल असनोदकर (26) और रविंदर जड़ेजा (27) ने उपयोगी पारियाँ खेलीं तो कप्तान शेन वॉर्न ने आखिरी ओवरों में सिर्फ 11 गेंद में 21 रन बनाकर रॉयल्स को सम्मानजनक स्कोर दिया। चेन्नई के लिए स्पिनर मुथैया मुरलीधरन और शादाब जकाती ने दो-दो विकेट लिए।रॉयल्स की पिछली दो जीत के सूत्रधार रहे नमन ओझा को हड़बड़ाहट का खामियाजा भुगतना पड़ा। पहले ही ओवर में एल्बी मोर्केल को खराब शॉट खेलकर वह अपना विकेट गँवा बैठे।चेन्नई के तेज गेंदबाजों ने पहले पाँच ओवर में सिर्फ 25 रन दिए। धोनी ने अपने गेंदबाजों को बार-बार बदला और आठवें ओवर तक वह छह गेंदबाजों को आजमा चुके थे। स्मिथ और असनोदकर इक्के-दुक्के रन लेकर टीम को 50 रन तक पहुँचाया।मुरलीधरन ने 53 रन की इस साझेदारी को तोड़कर असनोदकर को आउट किया। उन्हें तीसरा विकेट भी मिल जाता यदि ब्रेक से पहले सुदीप त्यागी ने फाइन लेग पर स्मिथ का कैच नहीं छोड़ा होता।मुरलीधरन ने ही स्मिथ को आउट किया, जो आगे बढ़कर स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में चूके और धोनी ने चुस्ती दिखाते हुए स्टम्पिंग कर दी।रविंदर जड़ेजा ने शादाब जकाती को लगातार चौके जड़े और यूसुफ पठान ने छक्का लगाकर उनका ओवर खत्म किया। दोनों बल्लेबाज तेजी से रन बनाने के प्रयास में आउट हुए। जड़ेजा 19 गेंद में 27 रन बनाकर लक्ष्मीपति बालाजी का शिकार हुए। सुरेश रैना ने प्वाइंट पर उनका बेहतरीन कैच लपका। पठान (7) ने जकाती की गेंद पर सीमा रेखा के पास जैकब ओरम को कैच थमा दिया। आखिरी ओवरों में वार्न ने 11 गेंद पर नाबाद 21 रन बनाकर टीम को 140 रन तक पहुँचाया।