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Written By भाषा
Last Modified: सोल , रविवार, 25 मार्च 2012 (23:59 IST)

भारत, दक्षिण कोरिया संबंधों को मजबूत करेंगे

भारत
FL
भारत और दक्षिण कोरिया ने 2015 तक 40 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के लिए व्यापारिक संबंधों को और बेहतर बनाने के साथ ही अपने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर बल दिया।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग बाक के साथ अपनी वार्ता के बाद यहां कहा, ‘हम अपने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं।’

सिंह ने कहा, ‘इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, मैंने राष्ट्रपति ली को यहां सोल में वर्ष के समाप्त होने से पहले एक ‘डिफेंस अताशे’ नियुक्त करने के भारत के फैसले के बारे में बताया।’

उन्होंने कहा कि इससे हमारे रणनीतिक संबन्ध और मजबूत होंगे और हमारी भागीदारी आपसी मूल्यों पर आधारित है जो आगे के विकास के लिए ठोस आधार प्रदान करता है।

‘व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता’ (सेपा) को लागू करने के बाद पिछले दो साल में द्विपक्षीय व्यापार में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की बात का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘मैंने और राष्ट्रपति ली ने इस बात पर सहमति जताई कि हमारे मजबूत संबंध हमारी बढ़ती मुलाकात के लिए बुनियादी बात हैं।’

ली और सिंह दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने के प्रति सहमत हुए। सिंह परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चार दिन की यात्रा पर यहां आए हैं।

सिंह ने ली के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने 2015 तक के लिए 40 अरब डॉलर का नया व्यापारिक लक्ष्य निर्धारित किया है। हम समझौते को आगे बढ़ाने के कार्य में प्रगति लाने तथा इसे और महात्वाकांक्षी बनाने पर सहमत हुए हैं।’

वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में सिंह और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने आतंकवाद और समुद्री लूट के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता जताई। दोनों नेताओं ने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि जल्द ही स्वीकार कर ली जाएगी, जो फिलहाल संयुक्त राष्ट्र में विचाराधीन है।

भारत ने उत्तर कोरिया द्वारा एक प्रायोगिक उपग्रह छोड़े जाने की दक्षिण कोरिया की चिंता से सहमति जताई। उत्तर कोरिया के इस कदम से उप महाद्वीप में तनाव बढ़ने की आशंका है।

गौरतलब है कि एक जनवरी 2010 को ‘सेपा’ के लागू होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार 2011 में 20 अरब डॉलर पार कर गया। वहीं, आज की घोषणा से 2015 तक 40 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि पहले 2015 तक 30 अरब डॉलर का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

सिंह और ली ने खाड़ी क्षेत्र, पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका के हालत पर भी विचार साझा किये और कई अहम बिंदुओं पर चिंता जाहिर की जो एशिया और विश्व में शांति एवं सुरक्षा को जोखिम में डाल सकते हैं। सिंह और ली क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग और समन्वय बढ़ाने की बात पर राजी हुए।

यहां परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में शरीक होने के लिए सिंह कल चार दिनों के दौरे पर आए हैं। दो दिवसीय सम्मेलन कल शुरू होगा, जब दुनिया भर के नेता रात्रिभोज पर मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कोरियाई व्यावसायियों को भारत में भारी पैमाने पर निवेश करने का भी न्योता दिया और कहा कि भारत अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेता एक-दूसरे की वस्तुओं और सेवाओं तक व्यापक बाजार पहुंच को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक एवं आशावादी तरीके तलाशने की बात पर भी सहमत हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोरिया को औषधि एवं कृषि उत्पाद और आईटी सेवाएं मुहैया करने उम्मीद करता है।

उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया ने वीजा नियमों को सरल बनाने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये। यह समझौता व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े लोगों की यात्रा को आसान बनाएगा।

सिंह ने इस बात का जिक्र किया कि एलजी, हुंदै, सैमसंग जैसी कंपनियां भारत के घर..घर तक पहुंच चुकी हैं। वह चाहेंगे कि छोटी और मध्यम आकार की कोरियाई कंपनियां भी भारत आए।

सिंह और ली ने अपने-अपने वैज्ञानिकों और तकनीकविदों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों और उद्देश्य पर चर्चा की। उन्होंने एक करोड़ डॉलर की लागत से संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष बनाने के उद्देश्य और तरीकों पर विचार किया।

दोनों नेता पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग एवं समन्वय बढाने पर भी सहमत हुए।

सिंह ने भारतीय प्रक्षेपण यान से कोरियाई उपग्रह के प्रक्षेपण का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने ली को ओडिशा में 12 अरब डॉलर की पास्को इस्पात संयंत्र परियोजना के कार्यान्वयन का भी आश्वासन दिया।

उन्होंने ली को नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में हो रही प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि वे इसमें कोरियाई भागीदारी की भी उम्मीद करते हैं। (भाषा)