हिलेरी से बदला लेना चाहते थे व्लादिमिर पुतिन?
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने पूरी दुनिया को हैरत में डालकर हिलेरी क्लिंटन को हरा दिया। क्या हिलेरी को हराने में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भी कोई भूमिका थी? क्या पुतिन हिलेरी से बदला लेना चाहते थे? अमेरिकी खुफिया अधिकारी ऐसा मानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान जो हैकिंग हुई थी, उसमें स्वयं पुतिन भी शामिल थे।
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार खुद पुतिन ने निर्देश थे कि हैकिंग का इस्तेमाल कैसे करना है और उसे किस तरह अंजाम तक पहुंचाना है। बुधवार को एक रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2 वरिष्ठ अधिकारियों ने पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ अमेरिकी चुनाव कैंपेनिंग के दौरान हैकिंग में भूमिका निभाई थी। हैकिंग के पीछे पुतिन का इरादा कथित तौर पर हिलेरी क्लिंटन से बदला लेना था।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें काफी खोजबीन करने के बाद पूरा भरोसा है कि पुतिन हैकिंग में शामिल थे। अधिकारियों का मानना है कि केवल रूस के सबसे वरिष्ठ अधिकारी इन गतिविधियों के लिए अधिकृत हो सकते हैं। यह खुफिया रूसी प्रणाली पुतिन के नियंत्रण में हैं। इस आधार से पता चलता है कि पुतिन के निर्देश पर ही ये सब हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कुछ सप्ताह पूर्व ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सीआईए ने पाया है कि रूस ने अमेरिका में कई ईमेल हैक किए हैं ताकि डोनाल्ड ट्रम्प को जिताया जा सके लेकिन एफबीआई और अन्य एजेंसियां इस बात का पूरी तरह से समर्थन नहीं करती हैं। साल 2011 में अमरीका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने रूस में हुए संसदीय चुनावों पर सवाल उठाए थे। इसके बाद रूस की सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
खुफिया अधिकारियों ने बताया कि पुतिन ने इसके लिए क्लिंटन को कभी माफ नहीं किया है। एनबीसी ने सीनियर अधिकारियों के हवाले से बताया कि संभव कार्रवाई में अमेरिकी खुफिया एजैंसियों ने पुतिन की निजी संपत्ति की जांच करना शुरू कर दिया है। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही हैकिंग में रूस का हाथ होने को वाहियात करार दिया है।