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Last Modified: रियो डी जिनेरियो , सोमवार, 7 जुलाई 2025 (14:16 IST)

BRICS में मोदी की मौजूदगी में ट्रंप पर निशाना, ईरान पर हमले की निंदा

अमेरिका द्वारा शुल्क वृद्धि किए जाने के फैसले की भी आलोचना

Criticism of Trump from platform of BRICS
Criticism of Trump from platform of BRICS: ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बगैर शुल्क वृद्धि और ईरान पर हमलों की रविवार को आलोचना की। ब्रिक्स के घोषणापत्र में पश्चिम एशिया में इजराइल की सैन्य कार्रवाई की भी आलोचना की गई, लेकिन रूस की आलोचना से बचा गया और युद्धग्रस्त यूक्रेन का महज एक बार जिक्र किया गया।
 
दो दिवसीय इस शिखर सम्मेलन में उसके दो सबसे शक्तिशाली देशों के नेता अनुपस्थित रहे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2012 में देश का नेता बनने के बाद से पहली बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग इसमें शामिल हुए। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसमें शामिल हुए। वह यूक्रेन पर हमले के बाद जारी एक अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट के कारण विदेशी यात्राओं से बचते हैं।
 
डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना : अमेरिका के राष्ट्रपति पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए समूह के घोषणापत्र में शुल्क (टैरिफ) में वृद्धि के बारे में 'गंभीर चिंताएं' जताई गईं, जिसके बारे में उसने कहा कि यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप नहीं है। ब्रिक्स ने कहा कि ऐसे प्रतिबंधों से वैश्विक व्यापार में कमी आने, वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में बाधा उत्पन्न होने और अनिश्चितता पैदा होने का खतरा है।
 
इस बीच, ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की ‘अमेरिका विरोधी नीतियों’ का साथ देने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अपनी जगह विदेश मंत्री अब्बास अरागची को इस सम्मेलन के लिए भेजा है। समूह के घोषणापत्र में अमेरिका या इजराइल का नाम लिए बगैर ईरान पर हमलों की निंदा की गई है। 
 
गाजा की स्थिति पर चर्चा : ब्रिक्स नेताओं ने गाजा में मानवीय स्थिति को लेकर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की, सभी बंधकों की रिहाई और वार्ता फिर से शुरू करने की अपील की तथा दो-राष्ट्र समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। बाद में, ईरान के अरागची ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक अलग बयान में कहा कि उनकी सरकार ने दो-राष्ट्र समाधान को लेकर अपनी आपत्ति एक नोट के माध्यम से व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह समाधान काम नहीं करेगा ‘जैसा कि यह पहले भी काम नहीं कर पाया है।’
 
टेलीग्राम पर ही रूस के विदेश मंत्रालय ने एक अन्य बयान में अमेरिका और इजराइल का नाम लेते हुए बिना किसी उकसावे के ईरान पर किए गए ‘सैन्य हमलों’ की निंदा की। समूह की 31-पृष्ठीय घोषणा में यूक्रेन का केवल एक बार उल्लेख किया गया, जिसमें हाल ही में रूस पर हुए यूक्रेनी हमलों की ‘कड़े शब्दों में निंदा’ की गई है।
 
ब्रिक्स में 5 देश और जुड़े : ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई थी, लेकिन इस समूह का पिछले वर्ष विस्तार हुआ और इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया। नए सदस्य देशों के अलावा, इस समूह में 10 रणनीतिक साझेदार देश भी शामिल हैं। यह श्रेणी पिछले वर्ष के शिखर सम्मेलन में बनाई गई थी, जिसमें बेलारूस, क्यूबा और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। 
 
क्या कहा मोदी ने : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मेलन में कहा कि ब्रिक्स समूह की विविधता और बहुध्रुवीयता में हमारी दृढ़ आस्था ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमें विचार करना होगा कि आने वाले समय में ब्रिक्स किस प्रकार एक बहुध्रुवीय विश्व के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति बन सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्विक मंच पर गंभीरता से लिए जाने के लिए ब्रिक्स को पहले अपने आंतरिक ढांचे और प्रणालियों को सुदृढ़ करना होगा।
 
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि सबसे पहले, हमारे अपने तंत्रों को बेहतर बनाने पर जोर होना चाहिए, ताकि जब हम बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की बात करें तो हमारी विश्वसनीयता भी मजबूत हो। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ब्रिक्स के भीतर आर्थिक सहयोग लगातार बढ़ रहा है।(भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala