• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Study reveals remarkably high proportion of national elections are not free and fair
Written By
Last Updated : शनिवार, 28 अप्रैल 2018 (15:54 IST)

दुनियाभर में ज्यादातर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होते

दुनियाभर में ज्यादातर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होते - Study reveals remarkably high proportion of national elections are not free and fair
लंदन। दुनियाभर में आज होने वाले चुनावों की संख्या भले ही अधिक हो गई हो लेकिन इन चुनावों ने लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने में कोई योगदान नहीं किया। यह बात एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में ज्यादातर राष्ट्रीय चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नहीं हुए हैं।  
 
इन चुनावों का परिणाम है कि विभिन्न देशों में निरंकुश नेता सत्ता में बने रहे और ऐसा करने में नई प्रौद्योगिकी के उभार में उन्हें अपने ढंग से चीजों को पेश करने में उन्हें मदद पहुंचाई। शोधकर्ताओं ने याले बुक्स द्वारा प्रकाशित ‘ चुनाव में गड़बड़ी कैसे करें’में यह खुलासा किया है। 
 
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि बेलारुस , केन्या , मेडागास्कर , नाईजीरिया , थाईलैंड , ट्यूनीशिया समेत विभिन्न देशों में 500 से अधिक लोगों के साक्षात्कार एवं जमीनी स्तर पर वहां के चुनाव का अनुभव कर चुके प्रोफेसर निक चीसमैन और ब्रायन क्लास लोकतांत्रिक अवमूल्यन का खुलासा करते हैं जिससे दुनियाभर में तानाशाहों को लाभ पहुंचा है। 
 
लेकिन जो बात शोध में सामने नहीं आई, वह यह है कि इन चुनावों से निरंकुश नेता सत्ता से हट नहीं पाते हैं। साथ ही, कई मामलों में बीमार निरंकुश शासन को बल मिला तथा वे वैध दिखने लगे। परिणामस्वरूप निरंकुश प्रणाली , जोकि चुनाव कराती है, अन्य के तुलना में अधिक स्थिर बन गई। और सत्ता निरंकुश हाथों में बनी रहती है।
ये भी पढ़ें
कारोबारियों की लिवाली से सोना उछला