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Last Updated :दोहा , रविवार, 5 जून 2016 (22:31 IST)

मैंने कई लोगों की ‘मिठाई’ बंद कर दी, वही चिल्ला रहे हैं : मोदी

मैंने कई लोगों की ‘मिठाई’ बंद कर दी, वही चिल्ला रहे हैं : मोदी - Prime Minister Narendra Modi, Qatar, Doha, Qatar Tour, Indian Community
दोहा। कतर की अपनी दो दिनी यात्रा के अंत में भारतवंशी समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने केवल सतह (भ्रष्टाचार पर) साफ की है और गहराई से सफाई अभी बाकी है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर सरकार की कार्रवाई की आलोचना की तुलना किसी बच्चे को मिठाई नहीं देने पर मां से उसके नाराज होने से करते हुए कहा कि हमने कई लोगों की मिठाई रोक दी और ऐसा करने में मुझे दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन मुझे इन समस्याओं का सामना करने की ताकत 125 करोड़ भारतीयों से मिलने वाले स्नेह से मिलती है।

भारतीय मूल के लोगों की लगातार तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय पारदर्शिता, अनुशासन और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। 
 
उन्होंने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं? हमने विभिन्न सरकारी योजनाओं में लीकेज और चोरी रोककर 36000 करोड़ रुपए प्रति वर्ष बचाए हैं। मोदी ने कहा कि 1.62 करोड़ फर्जी राशनकार्ड का पता लगाया गया और सब्सिडी वाले चावल, गेहूं, केरोसिन और एलपीजी के करोड़ों रुपए बचाए गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने हमारे देश को खोखला कर दिया है, जो दीमक की तरह इसे खा रहा है। पिछली कांग्रेसी सरकारों पर परोक्ष हमले में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत की छवि सुधरी है और देश को सम्मान के साथ देखा जा रहा है। सभी भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जब दूसरे देशों के लोग भारतीयों से मिलते हैं तो आप अंतर देखते होंगे।

मोदी ने यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब लोगों की क्रयशक्ति कम होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट से जूझ रही है तथा निर्यात भी घट गया है, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 7.9 प्रतिशत पर पहुंच गया है। देश में लगातार दो वर्ष तक सूखा पड़ने के बावजूद विकास दर की यह स्थिति है।
 
मोदी ने कहा कि पहले केंद्रीय करों का केवल 34 फीसदी विभाज्य हिस्सा राज्यों को जाता था और 65 फीसदी केंद्र के पास रहता था लेकिन 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के बाद अब एकदम उलट 65 फीसदी हिस्सा राज्यों को और 35 फीसदी केंद्र के पास रहता है।  
        
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना में 'वन रैंक, वन पेंशन' का मुद्दा पिछले चार दशकों से लटका हुआ था। राजनीतिक दल चुनाव के दौरान इसके करने के वादे करते थे लेकिन सत्ता में आने के बाद भूल जाते थे। 
 
कई सरकारें बदलीं लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन लागू किया क्योंकि जिन लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया, उनकी गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए।