नरेन्द्र मोदी के सत्ता में लौटने की खबर से पाकिस्तान में मचा हड़कंप
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बार फिर भारत की सत्ता में लौटने की खबरों से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। एक्जिट पोल के नतीजे के बाद पाक के टीवी चैनलों पर जिस तरह डिबेट चल रही हैं, उससे पड़ोसी देश की घबराहट को साफ पढ़ा जा सकता है।
भारत में चल रहे चुनाव और एग्जिट पोल पर बहस करते हुए पाकिस्तानी चैनलों के डिबेट में कहा जा रहा है कि पहले चुनाव महंगाई, भ्रष्टाचार, विकास, गोरक्षा, सुरक्षा आदि मुद्दों पर लड़े जा रहे थे लेकिन अचानक ही पुलवामा हो गया, फिर बालाकोट हो गया और बीच में ये अभिनंदन भी हो गया तो यह एकदम में चुनाव बदल गया। पूरा चुनाव अब पाकिस्तान के खिलाफ चला गया है। इस वक्त हम भी अलर्ट पर हैं और वो भी। हम यह समझ रहे थे कि ये चुनाव के दौरान भी हम पर हमला करेंगे और उसकी वजह से हमने अभी भी अलर्ट रखा है।
पाकिस्तानी चैनलों के डिबेट में कहा जा रहा है कि जैसा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35-ए हटाने की बात कही है, उससे कश्मीर में माहौल बड़ी तेजी से बदलेगा जिसका असर पाकिस्तान पर भी जरूर पड़ेगा।
डिबेट में शामिल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मोदी की सत्ता में वापसी होती है और वह कश्मीर से जुड़ी धाराओं से छेड़छाड़ करते हैं तो निश्चित रूप से जम्मू और कश्मीर में खून-खराबे की स्थिति निर्मित होगी। आपके लिए यह जानना जरूरी भी है कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और नेकां नेता उमर अब्दुल्ला भी धारा 370 और 35-ए के मामले में भाजपा सरकार का विरोध कर चुके हैं।
पाकिस्तानी विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भारत में 70 साल में अभी तक ऐसे चुनाव नहीं हुआ, जो यह चुनाव है। यह बहुत ही महत्व रखता है हमारे लिए भी और भारत के लिए भी। विशेषज्ञ आशंका व्यक्त करते हैं कि यदि कश्मीर में हालात बदले तो पाकिस्तान के चरमपंथी संगठन कश्मीर की ओर मूव कर जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में युद्ध जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं।
यदि नरेन्द्र मोदी को 5 साल और मिल गए तो उन्होंने बिलकुल इंडिया का कैरेक्टर ही बदल देना है। हमारे लिए उसका बहुत ज्यादा महत्व और असर है और हम अभी भी हाई अलर्ट पर बैठे हैं।
हालांकि पाकिस्तान के बहुत से डिबेटर्स का मानना है कि पाकिस्तान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि भारत में किसकी सरकार बनती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी से हालात सुधरेंगे। उनका ऐसा मानना है कि मोदी सरकार कोई सकारात्मक पहल करेगी और कश्मीर का कोई स्थाई समाधान निकलेगा।