क्यों ब्रिटेन के इतिहास में है टीपू सुल्तान की ‘हार का महत्व’, किस वजह से वहां की सरकार अपने पास रखना चाहती है ये चीजें
टीपू सुल्तान का इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है, मैसूर के इस शासक के बारे में भारत में बहुत कुछ पढ़ाया जाता रहा है, लेकिन अब टीपू सुल्तान के बारे में जो खबर आ रही है, वो भारत से नहीं बल्कि ब्रिटेन से है।
दरअसल, मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान के सिंहासन पर लगे सोने के बाघ को विदेश में बेचने पर ब्रिटेन ने अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।
ब्रिटेन इन सोने के बाघों के लिए कोई ब्रिटिश खरीदार ढूंढ रहा है। ब्रिटिश सरकार चाहती है कि वह अपने यहां मौजूद इन ऐतिहासिक सामानों को इस तरह से बेचे कि वह हमेशा उसके देश में ही रहें।
बाघ के मुकुट में जड़े आभूषणों की कीमत करीब 15 लाख पाउंड बताई जा रही है। ब्रिटिश सरकार की इस पहल से ब्रिटेन की गैलरी या संस्था को इस तरह के ऐतिहासिक सामान खरीदने का अवसर मिल जाएगा।
ऐसा क्या है सिंहासन में?
अब सवाल यह उठता है कि आखिर सिंहासन में ऐसा क्या है कि ब्रिटेन इसके कुछ हिस्सों को अपने पास ही रखना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक टीपू सुल्तान के सिंहासन में सोने के आठ बाघ अंकित हैं। ब्रिटेन सोने के जिस बाघ का सिर बेचने की बात कर रहा है, वह इन 8 बाघों में से ही है। टीपू सुल्तान को मैसूर के शेर के नाम से भी जाना जाता है। सिंहासन की तीन जीवित समकालीन छवियां सभी ब्रिटेन में हैं।
ब्रिटेन के कला मंत्री लॉर्ड स्टीफन पार्किंन्सन ने कहा बाघ के सिर पर लगा मुकुट टीपू सुल्तान के शासन की कहानी बताने के लिए काफी है। ये चमकदान मुकुट हमें टीपू सुल्तान के शाही इतिहास की ओर ले जाते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ब्रिटेन से ही कोई आगे आएगा और इस ऐतिहासिक सोने के बाघ को खरीदेगा।
ब्रिटेन के शाही अतीत में टीपू सुल्तान की हार का ऐतिहासिक महत्व है। यही कारण है कि ब्रिटेन में टीपू सुल्तान की कहानी और उनके शासन से जुड़ी वस्तुओं का काफी महत्व है।
खास बात है कि टीपू सुल्तान से जुड़ी हर एक जानकारी ब्रिटेन नागरिकों को प्रभावित करती है। क्योंकि टीपू सुल्तान की हार के बाद, टीपू के खजाने से कई वस्तुएं ब्रिटेन लाई गईं थी। ये वस्तुंए ब्रिटेन के नागरिकों ने देखी हैं, और वे इसकी कद्र करते हैं, शायद यही वजह है कि टीपू सुल्तान के सिंहासन में लगे बाघों को भी वहां की सरकार संरक्षित करना चाहती है।