म्यांमार ने की रोहिंग्या के खिलाफ जांच की निंदा
रंगून। म्यांमार ने सुरक्षा अधिकारियों द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या, बलात्कार एवं उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारिक परिषद के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि इस जांच से संघर्ष और बढ़ेगा।
जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में तथ्यान्वेषी मिशन को तत्काल भेजने पर शुक्रवार को सहमति जताई। यह मिशन इन दावों पर ध्यान केंद्रित करेगा कि क्या पुलिस और सैनिकों ने राखिने में रोहिंग्या के खिलाफ अपराधों को अंजाम दिया।
चरमपंथियों द्वारा 9 पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के बाद सेना ने अक्तूबर में अभियान शुरू किया था जिसके कारण लाखों रोहिंग्या बांग्लादेश की सीमा पार करके भाग गए थे। वहां से बचकर आए लोगों ने संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ताओं को बताया था कि किस प्रकार सुरक्षा अधिकारियों ने बच्चों की हत्या की, लोगों को जिंदा जला दिया और व्यापक स्तर पर सामूहिक बलात्कार किए। इन आरोपों ने म्यांमार की 1 साल पुरानी असैन्य सरकार पर अत्यधिक दबाव बना दिया है। सरकार ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय जांच की कड़ी निंदा की थी।
म्यांमार के विदेश मंत्रालय ने यह नहीं कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली जांच को बाधित करेगा लेकिन उसने कहा कि उसने प्रस्ताव से स्वयं को अलग कर लिया है। उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तथ्यान्वेषी मिशन की स्थापना ऐसे समय में मामले को सुलझाने के बजाए और उलझाएगी। म्यांमार राखिने में हुए अपराधों के संबंध में अपनी घरेलू जांच कर रहा है। (भाषा)