एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली पर करार करेंगे रूस-भारत
मॉस्को। रूस के सरकारी मीडिया ने बताया कि गोवा में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वार्ता के बाद दोनों देश शनिवार को एस-400 ‘ट्रंफ’ लंबी दूरी की क्षमता वाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के लिए कई अरब डॉलर के करार पर हस्ताक्षर करेंगे।
रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से तास समाचार एजेंसी ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत के बाद भारत को एस-400 ट्रंफ विमानरोधी मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर एक समझौता किया जाएगा और कुछ अन्य दस्तावेजों पर भी दस्तखत किए जाएंगे। भारत 3 प्रकार की मिसाइलों पर निशाना साधने में सक्षम सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली में से 5 प्रणालियां हासिल करने में रुचि रखता है।
इसमें अपनी तरफ आ रहे दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोनों को 400 किलोमीटर तक के दायरे में मार गिराने की क्षमता है। अगर भारत समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो यह चीन के बाद इस मिसाइल प्रणाली का दूसरा ग्राहक होगा। चीन ने पिछले साल 3 अरब डॉलर का करार किया था। एस-400 पहले केवल रूसी रक्षा बलों के लिए ही उपलब्ध था। यह एस-300 का उन्नत संस्करण है।
अलमाज-आंते ने इसका उत्पादन किया है और रूस में 2007 से यह सेवा में है। उशाकोव ने कहा कि दस्तावेजों पर बंद दरवाजों में दस्तखत किए जाएंगे। उन्होंने सौदे का ब्योरा नहीं दिया और संकेत दिया कि पहले कागजों पर हस्ताक्षर हो जाएं।
एजेंसी के मुताबिक रूस की भारत के लिए प्रोजेक्ट 11356 के तहत युद्धपोत बनाने के संबंध में समझौता करने की और कामोव का-226 टी हेलीकॉप्टर के उत्पादन के लिए रूस-भारत का संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की भी योजना है। (भाषा)