भारत की अर्थव्यवस्था पर ऊर्जा की वैश्विक मूल्य वृद्धि का नकारात्मक असर होगा : आईएमएफ
वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा है कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था का प्रबंधन बहुत अच्छी तरह किया है, लेकिन वैश्विक ऊर्जा कीमतों में वृद्धि का उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।
यूक्रेन पर रूस के हमले और इसके वैश्विक प्रभाव विषय पर बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में आईएमएफ की पहली उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि इस युद्ध के कारण भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष चुनौती आ खड़ी हुई है।
गोपीनाथ ने कहा, भारत की ऊर्जा आयात पर बहुत अधिक निर्भरता है और वैश्विक ऊर्जा कीमतें बढ़ रही हैं। इसका असर भारतीय लोगों की खरीद क्षमता पर पड़ रहा है। भारत में मुद्रास्फीति करीब छह फीसदी है जो भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक मुद्रास्फीति के लिहाज से ऊंचा स्तर है।
उन्होंने कहा कि इसका भारत की मौद्रिक नीति पर असर पड़ेगा और यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों के लिए चुनौती है। जॉर्जीवा ने कहा, स्पष्ट रूप से अर्थव्यवस्था पर जिसका सबसे अधिक प्रभाव होगा वह है ऊर्जा कीमतें।
उन्होंने कहा कि भारत ऊर्जा का आयातक है और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि का उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जॉर्जीवा ने कहा, भारत अपनी अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने में अच्छा रहा है।(भाषा)