जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने पर्यावरण पुरस्कार लेने से किया इंकार
स्टॉकहोम। स्वीडन की रहने वाली जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने एक पर्यावरण पुरस्कार स्वीकार करने से मंगलवार को इंकार कर दिया और कहा कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए 'विज्ञान' का अनुसरण प्रारंभ करें। युवा जलवायु कार्यकर्ता 16 वर्षीय थनबर्ग के 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' अभियान के पक्ष में लाखों लोग आ चुके हैं।
थनबर्ग तब चर्चाओं में आई थीं, जब अगस्त 2018 में उन्होंने हर शुक्रवार स्वीडन की संसद के बाहर धरना देना शुरू कर दिया था। वे हाथों में एक तख्ती लेकर वहां रहती थीं जिस पर लिखा होता था- 'जलवायु की खातिर स्कूल की हड़ताल'।
टीटी समाचार एजेंसी ने बताया कि पुरस्कार की घोषणा के बाद थनबर्ग के एक प्रतिनिधि ने दर्शकों को बताया कि वे यह पुरस्कार और 52,000 डॉलर की राशि स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने इस फैसले को साझा किया।
एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि जलवायु अभियान को और पुरस्कारों की आवश्यकता नहीं है। जरूरत इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग वर्तमान में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ विज्ञान का अनुसरण करना शुरू कर दें। उन्होंने यह सम्मान देने के लिए नॉर्डिक परिषद का आभार व्यक्त किया लेकिन जलवायु से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात पर कायम नहीं रहने के लिए नॉर्डिक देशों की आलोचना भी की।